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Published : Apr 20, 2023, 1:30 PM IST

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वाराणसी में 12 साल बाद 22 से लगेगा पुष्कर मेला, जुटेगी लाखों की भीड़, शहर को 4 जोन में बांटा

वाराणसी में 12 साल बाद 22 अप्रैल से पुष्कर मेले की शुरुआत हो जाएगी. यह मेला 3 मई तक चलेगा. इसमें काफी संख्या में देश के विभिन्न राज्यों से लोगों की भीड़ जुटेगी.

वाराणसी के गंगा पुष्कर मेले में काफी भीड़ जुटेगी.
वाराणसी के गंगा पुष्कर मेले में काफी भीड़ जुटेगी.

वाराणसी के गंगा पुष्कर मेले में काफी भीड़ जुटेगी.

वाराणसी :धर्मनगरी वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद हर रोज लाखों की भीड़ पहुंच रही है. 12 साल बाद 22 अप्रैल से लगने वाले पुष्कर मेले में यह भीड़ काफी बढ़ सकती है. यह मेला 3 मई तक चलेगा. देश के अलग-अलग राज्यों से लोग पूजा-अर्चना के लिए पहुंचेंगे. बड़ी बात यह है कि यह भीड़ मंदिरों में पूजन करने के साथ ही काशी के गंगा घाटों पर डेरा जमाएगी. इसे देखते हुए सुरक्षा समेत लोगों की सुविधाओं के लिए अन्य प्रबंध भी किए जा रहे हैं.

दरअसल वाराणसी में गंगा पुष्कर मेले का आयोजन बीजेपी सरकार के लिए बड़ा आयोजन माना जा रहा है. यही वजह है कि इस पूरे मेले की निगरानी राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव कर रहे हैं. मेले की शुरुआत 22 अप्रैल से होने जा रही है, लेकिन उसके पहले 21 अप्रैल को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए यहां आने वाली भीड़ को एकजुट करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए विशेष तौर पर गंगा घाटों पर व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. सबसे ज्यादा भीड़ वाराणसी के मणिकर्णिका घाट, केदार घाट, ललिता घाट और केदारखंड में पड़ने वाले अन्य घाटों पर होने वाली है.

400 से ज्यादा कर्मचारियों को लगी ड्यूटी :नगर स्वास्थ अधिकारी डॉ. एनपी सिंह ने बताया कि आयोजन में सबसे ज्यादा सैलानियों के आने की उम्मीद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अलग-अलग हिस्सों से है. यहां पर रहने वाले तेलुगु भाषी लोगों की तरफ से इस पूरे आयोजन की रूपरेखा प्रशासन के साथ मिलकर तैयार की गई है. पुष्कर मेले को लेकर पूरे शहर को 4 जोन में बांटा गया है. सुरक्षा, साफ-सफाई आदि के लिए लगभग 400 से ज्यादा कर्मचारियों को लगाया गया है. अलग-अलग गंगा घाटों पर 24 से ज्यादा हेल्पडेस्क बनाई जा रही है ताकि किसी तरह की कोई परेशानी होने पर लोग यहां सीधे संपर्क कर सकें.

लगभग एक हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की जा रही है. आयोजन समिति से जुड़े लोगों ने लगभग एक लाख की भीड़ प्रतिदिन आने का अनुमान जताया है. इसे दृष्टिगत रखते हुए अलग-अलग भाषाओं में साइन बोर्ड बनवाए जा रहे हैं. गंगा घाटों पर कहां पर गहराई ज्यादा है और कहां डूबने की ज्यादा संभावना है, इसे लेकर भी लोगों को जागरूक करने का काम किया जाएगा. इसके अतिरिक्त अपनी गाड़ियों से आने वाले लोगों को पार्किंग की सुविधा उपलब्ध हो सके, इसके लिए शहर के अलग-अलग हिस्सों में पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है.

तैयार करवाई जा रही पार्किंग :बेनियाबाग, टाउनहाल और कचहरी इलाके में पहले से ही पार्किंग उपलब्ध है. इसके अलावा शहर के आउटर एरिया में भी खाली पड़ी जगहों पर पार्किंग की तलाश की गई है और कुछ जगह पर पार्किंग तैयार करवाई जा रही है. आने वाली महिलाओं और लोगों को घाटों पर कपड़े बदलने की दिक्कत न हो इसके लिए 50 से ज्यादा चेंजिंग रूम की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा गंगा पुष्कर मेले का एक लोगो भी तैयार करवाया गया है. गंगा पुष्कर मेले को दृष्टिगत रखते हुए शहर के होटल धर्मशालाओं की सूची तैयार करवाई गई है. शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर इन्हें चस्पा भी करवाया जाएगा, ताकि आने वाली भीड़ इन स्थानों पर जा कर आराम से बिना दिक्कत रह सके.

आयोजकों का कहना है कि यहां आने वाले लोग पहले से ही काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन और गंगा स्नान करने का प्लान लेकर आ रहे हैं. विशालाक्षी मंदिर, काल भैरव मंदिर, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, संकटमोचन और दुर्गा मंदिर में दर्शन पूजन के अलावा काशी केदारखंड में मौजूद केदारेश्वर मंदिर और महामृत्युंजय मंदिर में भी दर्शन पूजन का सिलसिला चलेगा. इसलिए इन जगहों पर भी विशेष सतर्कता बरती जाएगी.

इसके अतिरिक्त गंगा घाटों पर श्राद्ध कर्म और तर्पण का कार्य भी संपन्न होगा. इसके लिए पुष्कर मेला जाना जाता है, क्योंकि पुष्कर मेले का आयोजन 12 वर्ष में एक बार होता है. वाराणसी में यह मेला 2011 में आयोजित हुआ था. उस समय भी जबरदस्त भीड़ आई थी लेकिन इतनी तैयारियां नहीं की गईं थीं. इस बार तैयारियां जबरदस्त हैं, आने वाली भीड़ को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो इसका भी विशेष ध्यान रखा जाएगा.

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