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वाराणसीः बिजली के फ्लैट रेट को लेकर बुनकरों का प्रदर्शन जारी, तीसरे दिन रखा उपवास - बुनकरों का वाराणसी में अनशन

प्रदेश भर में चल रहे बुनकरों का प्रदर्शन जारी है. इसी क्रम में गुरुवार को वाराणसी जिले में बुनकरों ने अनशन करके विरोध जताया. बुनकरों की मांग है कि उनको कमर्शियल के बजाय घरेलू रेट पर बिजली दी जाए, क्योंकि उनका कारोबार बर्बाद हो चुका है.

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Published : Sep 3, 2020, 9:06 PM IST

वाराणसी: बिजली को लेकर 15 दिनों तक चलने वाले बुनकरों का धरना प्रदर्शन और उपवास लगातार जारी है. जिले में आज इस प्रदर्शन के तीसरे दिन बुनकरों ने उपवास रखकर अपना विरोध दर्ज कराया. वहीं समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी जिलाधिकारी से मुलाकात कर बुनकरों की मांग को पूरा करने की अपील की. जिले में बुनकर हर रोज नए-नए तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं. बुनकरों के इस प्रदर्शन को लेकर राजनीति भी गरमाती जा रही है. अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी भी ट्विटर पर बुनकरों का समर्थन कर चुके हैं.

बुनकरों के बिजली के फ्लैट-रेट को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा समाप्त किये जाने के विरोध मे बुनकरों के प्रदेश स्तरीय अनिश्चितकालीन हड़ताल के तीसरे दिन पार्षद रमजान अली ने अपने आवास पर बुनकरों के साथ एक दिवसीय सामूहिक उपवास रखा. बुनकरों के द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार की सद्बुद्धि के लिए दुआ भी की गयी ताकि सरकार बुनकरों के फ्लैट-रेट को पुनः वापस कर दे.

वहीं इस मामले पर अखिलेश यादव पहले ही ट्वीट करके बुनकरों का समर्थन कर चुके हैं. उन्होंने लिखा कि बुनकर परेशान, सरकार अंजान, 2006 में तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार ने प्रदेश भर के बुनकरों के हित में यह बड़ा निर्णय लिया था. मगर कोरोना काल में इस व्यवस्था को समाप्त किया जाना सरकार की गरीब एवं बुनकर विरोधी मानसिकता की तरफ इशारा करती है. वहीं प्रियंका ने भी बुनकरों की हालत को खराब बताते गए सरकार को घेरा.

दरसअल लाकडाउन के कारण बुनकरों का कारोबार बंद होने के कारण बुनकर भुखमरी के शिकार हो चुके हैं. वहीं 1 जनवरी 2020 से सरकार द्वारा फ्लैट-रेट को खत्म कर देने से बुनकर बिजली विभाग के लाखों का कर्जदार हो चुके हैं. बुनकर अपनी पावरलूम बेचकर भी बिजली विभाग का कर्ज अदा नहीं कर पायेंगे. सरकार के इस फैसले से बुनकरों की परम्परागत कला लुप्त हो जायेगी. सरकार अब बुनकरों से घरेलू के बजाय कामर्सियल रेट पर बिजली का बिल वसूल रही है.

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