वाराणसी : जिले में रामनवमी के दिन माता सिद्धिदात्री के दर्शन पूजन का विधान है. मान्यता है कि माता सिद्धिदात्री का विधि विधान से दर्शन पूजन करने से सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है. मान्यताओं के अनुसार नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से इंसान को सभी देवियों की पूजा का फल मिलता है. देवी पुराण के मुताबिक भगवान शिव ने इन्हीं शक्ति स्वरूपा देवी की उपासना करके सिद्धियां प्राप्त की थी. इसलिए माता को सिद्धिदात्री कहा जाता है.
माता सिद्धिदात्री के मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर लगी रोक मां को ऐसे करें प्रसन्न
मां सभी सिद्धियों को देने वाली हैं. जो भी भक्त मां की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करते हैं, उन्हें सभी सिद्धियों की प्राप्ति के साथ मां का आशीर्वाद भी मिलता है. पंडित बच्चा लाल मिश्र के मुताबिक नवरात्रि के आखिरी दिन माता को हलवा, पूरी और चने की घुघरी का भोग लगाया जाता है. इसके साथ ही नारियल भी चढ़ाया जाता है. ऐसा करने से मां अतिप्रसन्न होती हैं और 9 दिनों के पूजन का फल प्रदान करती हैं.
मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर लगी रोक
मंदिर के पुजारी बच्चा लाल मिश्र ने बताया कि आज नवरात्रि के 9वें दिन माता सिद्धिदात्री के दर्शन पूजन का विधान है. ऐसे में जो लोग नवरात्रि के 8 दिन मां का दर्शन नहीं कर पाते हैं, उन्हें माता सिद्धिदात्री का दर्शन करने से 9 दिन के दर्शन का फल प्राप्त होता है.
मंदिर के पुजारी बच्चा लाल मिश्र ने बताया कि कोरोना के खतरनाक संक्रमण को देखते हुए मंदिर में भक्तों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि माता का श्रृंगार करने के बाद मंदिर परिसर को बंद कर दिया गया. ताकि कोई भी भक्त इस कोरोनावायरस के संक्रमण का ग्राह न बन सके. इस दौरान उन्होंने भक्तों से अपील करते हुए कहा है कि सभी अपने घरों से ही माता की आराधना करें. साथ ही देश में फैले इस संकट से निवारण के लिए मां से कामना करें.
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