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बजट पर क्या बोले BHU अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष, जानिए उनकी राय

काशी हिंदू विश्वविद्यालय अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एके गौर ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि सरकार को कुछ ऐसा करने की जरूरत है, जिससे ग्रामीण इलाकों में त्वरित फायदा मिल सके.

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Published : Feb 1, 2020, 10:59 PM IST

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प्रोफेसर एके गौर.

वाराणसी:देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल का बजट पेश किया. इसमें किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य, खेती, मछली पालन आदि भी शामिल है. सरकार के 2020-21 बजट पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय अर्थ शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एके गौर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने इस बजट को लेकर अपनी राय रखी.

ईटीवी भारत से बात करते प्रोफेसर एके गौर.

प्रोफेसर एके गौर ने कहा कि इस साल का बजट इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में ज्यादा खर्च करने की बात कही गई है. दीर्घकालीन न्यू प्रोजेक्ट हैं, मूलभूत आवश्यकता है, सोशल सेक्टर पर भी सरकार ने खर्च करने की बात कही है. शिक्षा, चिकित्सा क्षेत्र में सरकार ने बजट लाया है. यह अच्छा कदम है. उन्होंने कहा तात्कालिक समस्या अर्थव्यवस्था की जो असंगठित सेक्टर हैं, उसमें आय की है. आय न होने के कारण असंगठित सेक्टर में कृषि सेक्टर एक बड़े डाउन सर्कल की तरफ बढ़ रहा है.

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बेरोजगारी, राष्ट्रीय आय के लिए सरकार को कुछ त्वरित खर्च करने वाले उपाय करने चाहिए, जिससे कुछ महीने के अंदर हमारे कृषि क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्र है या असंगठित सेक्टर हैं, उसके हाथ में कुछ लिक्विडीटी आए. वहां लिक्विडीटी (आय) होने से ही थोड़ी सी अर्थव्यवस्था की रफ्तार ऊपर की ओर बढ़ेगी. यही समस्या तात्कालिक है. इसमें उपाय होने चाहिए.

उन्होंने कहा कि जो सिर्फ राज्य या केंद्र सरकार कर सकती है. इस विषय को प्राइवेट सेक्टर के हाथ में छोड़ा नहीं जाना चाहिए. प्राइवेट सेक्टर हमेशा इनकम को देखता है. इस विषय को प्राइवेट सेक्टर पर न छोड़कर सरकार इन विषयों को अपने हाथ में लेना चाहिए. सरकार कुछ ऐसा खर्च करे, जिससे लोअर तबके के लोगों को त्वरित रूप से लाभ पहुंचे.

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