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बदला प्रियंका की प्रतिज्ञा रैली का नाम, अब काशी से किसानों के न्याय की लड़ाई लड़ेगी कांग्रेस

10 अक्टूबर को वाराणसी में होने वाले प्रियंका गांधी वाड्रा की प्रतिज्ञा रैली का नाम का बदलकर किसान न्याय रैली रखा गया है. इस बाबत पार्टी की ओर से नया पोस्टर भी जारी कर दिया गया है. साथ ही बनारस चलो का स्लोगन दिया गया है.

बदला प्रियंका की प्रतिज्ञा रैली का नाम
बदला प्रियंका की प्रतिज्ञा रैली का नाम

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Published : Oct 9, 2021, 7:11 AM IST

वाराणसी:10 अक्टूबर को वाराणसी में होने वाले प्रियंका गांधी वाड्रा की प्रतिज्ञा रैली का नाम का बदलकर किसान न्याय रैली रखा गया है. इस बाबत पार्टी की ओर से नया पोस्टर भी जारी कर दिया गया है. साथ ही बनारस चलो का स्लोगन दिया गया है. गौरतलब हो कि लखीमपुर खीरी की घटना के बाद पार्टी ने प्रतिज्ञा रैली का नाम बदलकर किसान न्याय रैली कर दिया और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इस रैली का प्रतिनिधित्व करेंगी.

बता दें कि प्रियंका गांधी के प्रतिज्ञा रैली का नाम परिवर्तन होकर अब किसान न्याय रैली रखा गया है. लखीमपुर खीरी की घटना के बाद जिस तरह से सरकार बैकफुट पर आई है, उसे देखते हुए कांग्रेस ने सूबे की योगी सरकार को घेरने के लिए अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम प्रतिज्ञा रैली का ऐन वक्त पर नाम बदलकर सूबे में गरमाई सियासी फिजां को बतौर हथियार इस्तेमाल करने की रणनीति बनाई है.

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बताया गया कि इस रैली में प्रियंका गांधी काशी के किसानों के मुद्दे पर बात करेंगी. वहीं, उक्त विषय पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय राय ने कहा कि किसानों की हक की लड़ाई काशी से प्रियंका गांधी लड़ेगी और इसी को देखते हुए किसानों को समर्पित किसान न्याय रैली रहेगी.

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विदित हो कि वाराणसी के जगतपुर इंटर कॉलेज में 10 अक्टूबर को प्रियंका गांधी की प्रतिज्ञा रैली होनी हैं, जहां प्रियंका सात वचनों के जरिए जनता तक अपनी बात पहुंचाएंगी. लेकिन अब प्रियंका गांधी इस किसान न्याय रैली में कुछ अन्य प्रमुख मांगों को भी जनता के बीच रखेंगी, जिसमें अजय मिश्रा का इस्तीफा, किसानों को इंसाफ दिलाने की बात व किसान बिल को वापस लेने का मुद्दा अहम होगा.

मां के दर्शन के बाद रैली में शामिल होंगी प्रियंका

नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा के पूजा व दर्शन का अपना विशेष महत्व होता है. ऐसे में दुर्गाकुंड मां कुष्मांडा देवी के मंदिर में दर्शन करने के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रैली में शामिल होंगी. बताया गया कि प्रियंका यहां पूरे विधि-विधान के साथ मां की पूजा करेंगी और पूजा करने के उपरांत रैली में शामिल होंगी. आपको बताते चलें कि वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी साल 2019 में मां भगवती का दर्शन कर चुके हैं. इसके साथ ही मनोज तिवारी, महेंद्र नाथ पांडेय आदि बड़े राजनेता भी इस मंदिर में मत्था टेक चुके हैं.

वहीं, दुर्गा मंदिर काशी के प्राचीन मंदिरों में से एक है. इस शक्तिपीठ का स्थान व उल्लेख काशी खंड में भी मिलता है. मंदिर में माता दुर्गा यंत्र के रूप में विराजमान है. मान्यता यह भी है कि मंदिर में दर्शन करने से शत्रुओं का नाश होता है. पूरे श्रद्धा भाव से जो भी मां भगवती की आराधना करता है, उसकी सारी मनोकामना पूर्ण होती हैं.

मंदिर से जुड़ी कथा

मंदिर की स्थापना को लेकर एक कथा है कि राजकुमार सुदर्शन का विवाह काशी नरेश सुबाहु की बेटी से कराने के लिए माता ने सुदर्शन के विरोधी राजाओं का वध कर उनके रक्त से कुंड को भर दिया था. उसे ही रक्त कुंड कहते हैं. बाद में राजा शुबाहु ने यहां दुर्गा मंदिर का निर्माण कराया था और 1760 में रानी भवानी ने इसका जीर्णोद्धार कराया था.

वहीं, राघवेंद्र चौबे ने बताया 10 अक्टूबर को बनारस की धरती से कांग्रेस की किसान न्याय रैली का प्रतिनिधित्व पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा करने जा रही हैं. नवरात्र का समय है, सो हमने यह तय किया कि हमारी नेत्री मां कुष्मांडा देवी की पूजा के बाद रैली में शामिल होंगी.

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