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PM Modi वाराणसी को देंगे रोप-वे की बड़ी सौगात, जानिए दुनिया के इस तीसरे रोप-वे की क्या है खासियत - नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड

वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र को करीब 1700 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की सौगात देंगे. इनमें से एक परियोजना रोप-वे के रूप में भी है. जो बनारस को जाम की समस्या से निजात दिलाएगा. इसके लिए क्षेत्र के युवाओं ने पोस्टर जारी कर पीएम को धन्यवाद दिया.

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Published : Mar 24, 2023, 10:21 AM IST

वाराणसी के युवाओं ने इस अंदाज में पीएम को दिया धन्यवाद

वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपने एक दिवसीय दौरे पर आज काशी आ रहे हैं. अपने संसदीय क्षेत्र को प्रधानमंत्री मोदी करीब 1700 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की सौगात देने जा रहे हैं. इन सौगातों में कई ऐसी सौगात हैं, जो बनारस के लिए मील का पत्थर साबित होने वाली हैं. इन्हीं में से एक सौगात रोप-वे के रूप में भी है. यह बनारस में पहला अर्बन ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम की शुरुआत करेगा. पीएम मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना से बनारस के लोग भी काफी खुश हैं. काशी के युवा अपने सांसद को इसके लिए बाकायदा पोस्टर जारी कर धन्यावाद दे रहे हैं.

वाराणसी में लगभग 633 करोड़ की लागत से तैयार होने वाला यह ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम जिले को जाम से मुक्ति दिलाने में मदद करेगा. जो काशी की सबसे बड़ी समस्याओं में शामिल है. बड़ी बात यह है कि ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम से लोग सहजता के साथ कैंट रेलवे स्टेशन से सीधे बाबा विश्वनाथ के दरबार घाट गंगा आरती व अन्य स्थानों पर पहुंचाएगा. यह सड़क 50 मीटर की ऊंचाई पर संचालित होगा, जहां अब काशी आने वाले पर्यटक आसमान से भी काशी की खूबसूरती का दीदार कर सकेंगे.

वहीं, काशी में प्रधानमंत्री द्वारा इस बड़ी सौगात को देने के लिए युवाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने के लिए उन स्थानों पर पोस्टर लगाएं हैं, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला गुजरेगा. इसके साथ ही शहर के अन्य हिस्सों में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने के लिए पोस्टर लगाया गया है. इस दौरान युवाओं ने कहा कि आज बनारस को जाम से निजात दिलाने के लिए बड़ी सौगात मिलने जा रही है. इसके लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हैं.

बता दें कि वाराणसी में दुनिया का तीसरा और भारत का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे होगा. लापाज और मैक्सिको के बाद शुक्रवार को भारत में भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे की आधारशिला रखी जाएगी. कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन ) से गोदौलिया चौराहे तक रोप-वे ट्रांसपोर्ट का संचालन होगा. इस योजना से काशी विश्वनाथ मंदिर, दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा. नेशनल हाईवे, रिंग रोड फ्लाईओवर, आरओबी, के बाद अब वाराणसी के भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे वाराणसी में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों काे काफी राहत पहुंचाएगा.

नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि बोलीविया देश के लापाज और मैक्सिको के बाद भारत विश्व कातीसरा देश और वाराणसी पहला शहर होगा, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल होगा. उन्होंने बताया कि ये पायलट प्रोजेक्ट है और इसका निर्माण स्विट्जरलैंड आधारित कंपनी बर्थोलेट, विश्व समुद्र और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) करेगी.

प्रोजेक्ट डायरेक्टर के अनुसार, वाराणसी कैंट स्टेशन से शुरू होकर गोदौलिया चौराहे तक कुल 5 स्टेशन होंगे. इसमें कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा. रोप-वे की कुल दूरी 3.8 किलोमीटर है. यह करीब 16 मिनट में तय होगी, लगभग 50 मीटर की ऊंचाई से करीब 150 ट्रॉली व कार चलेंगी. एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते है. हर डेढ़ से 2 मिनट के अंतराल में यात्रियों को ट्रॉली उपलब्ध रहेगी. एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे. यानि 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ जा सकेंगे. रोप-वे का संचालन 16 घंटे होगा. 2 साल के अंदर यह बनकर तैयार हो जाएगा.

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