वाराणसी:बनारस में होली से पहले रंगभरी उत्सव को लेकर तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में रंग भरी पर माता पार्वती के गौने की परंपरा को निभाया जाता है. जिसके लिए माता पार्वती को हल्दी तेल की रस्म पूरी की गई. इसके बाद महिलाओं ने माता गौरा को लोकाचार की परंपराओं के अनुरूप ससुराल के रीति रिवाज और अन्य चीजें समझाई. महिलाओं ने गीत गाकर माता पार्वती को तैयार किया.
काशी में गौरा के गौने की तैयारियां शुरू, हल्दी तेल की रस्म के बाद महिलाओं ने समझाया ससुराल के लोकाचार
वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में रंगभरी एकाशी पर माता पार्वती के गौने की परंपरा को निभाई जा रही है. जिसकी तैयारियों जोरों से हो रही है. इस दौरान महिलाओं में माता गौरा के विग्रह को हल्दी लगाकर तैयार किया और उन्हें लोकाचार की परंपराओं को समझाया.
गौरा को विदा कराने रविवार को भोले बाबा ससुराल पहुंचेगे. भोले बाबा के आगमन के लिये तैयारियां की जा रही है. ठंडई मेवे और पकवान की व्यवस्था की गई है. तीन मार्च को रंगभरी (अमला) एकादशी पर बाबा विश्वनाथ, माता पार्वती संग प्रथमेश की चल प्रतिमा की पालकी यात्रा को लेकर लोकाचार के लिए महंत आवास पर पालकी की मरम्मत से लेकर बाबा के राजसी स्वरूप और पुजन परंपरा के साथ गौरा के गौना के सामानों को सूची बद्ध कर लिया गया है. गुजरात (सूरत) से आई खादी व बरसाने से आये लहंगे में माता गौरा का गौना होगा. बुधवार सांयकाल सुरत व मथुरा के बरसाने से आये गौने के राजशाही पोशाक का महंत आवास में विधिवत् पूजन किया गया. आचार्य सुशील त्रिपाठी ने पालकी एंव राजशाही पोशाक का पूजन कराया.
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