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अयोध्या के हनुमानगढ़ी के लड्डू को जल्द मिलेगी दुनिया में पहचान, जीआई टैग दिलाने की तैयारी पूरी

अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी के लड्डू (Hanumangarhi Laddu GI Tag) को जीआई टैग दिलवाने की तैयारी चल रही है. इसका आवेदन अब पास हो चुका है. जल्द ही इसे पूरी दुनिया में जीआई टैग के साथ जाना जाएगा.

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हनुमानगढ़ी के लड्डू

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 8, 2024, 8:57 PM IST

Updated : Jan 10, 2024, 10:25 AM IST

वाराणसी: श्री राम मंदिर के भव्य लोकार्पण और स्थापना की तैयारी के बीच एक और बड़ी खबर आई है. यह खबर है अयोध्या में स्थित श्री हनुमानगढ़ी मंदिर के बाहर तैयार होने वाले शुद्ध देसी घी के लड्डू से. विशिष्ट तौर पर तैयार होने वाले इस लड्डू को अब जीआई टैग दिलवाने की तैयारी लगभग पूरी हो गई है. इसके लिए पद्मश्री और विशेषज्ञ डॉक्टर रजनीकांत की तरफ से आज आवेदन प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है.

जीआई टैग का आवेदन हुआ पास:भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में स्थित हनुमानगढ़ी में सदियों से बनाये जा रहे लड्डू के जीआई पंजीकरण का आवेदन कर दिया गया था. जिसका जीआई आवेदन संख्या 1168 दर्ज हुआ है. आने वाले कुछ ही महीनों में यह भारत की बौद्धिक सम्पदा में शुमार होगा. पूरी दुनिया में जीआई टैग के साथ इसे जाना जाएगा. पद्मश्री से सम्मानित जीआई मैन के रूप में विख्यात डॉ. रजनीकान्त ने बताया कि आज हमारे लिए बहुत ही गौरवशाली दिन है. सिडबी-लखनऊ, उत्तर प्रदेश के वित्तीय सहयोग से तकनीकी रूप से तैयार अयोध्या हनुमानगढ़ी लड्डू के जीआई आवेदन दस्तावेज को ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन की पूरी टीम के निरंतर प्रयास से तैयार किया गया. जिसमें हलवाई कल्याण समिति, अयोध्या आवेदक के रूप में शामिल हुई. पूरे तैयारी के साथ जीआई रजिस्ट्री चेन्नई को भेजा गया. आज 8 जनवरी को इसे स्वीकार कर लिया गया. वहां से अधिकृत जानकारी दी गयी हई.

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जल्द ही जीआई टैग मिलने की उम्मीदः डॉ. रजनीकान्त ने बताया कि जीवन के कालखण्ड में आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है. 33 वर्षों की समाज सेवा की तपस्या और वर्ष 2005 से जीआई के क्षेत्र में किए गए कार्य में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी आज शामिल हुई. यह हमारा भाग्य और पूर्वजों का फल है कि अयोध्या हनुमानगढ़ी लड्डू के जीआई पंजीकरण कराने का अवसर इस एतिहासिक माह में प्राप्त हुआ है, जब प्रभु श्री राम से प्राण प्रतिष्ठा की घड़ी नजदीक आ रही है. हमने मन में संकल्प लिया था और प्रभु श्रीराम एवं भगवान हनुमान जी प्रार्थना की थी कि इस एतिहासिक पुण्य समारोह में शामिल होने के पूर्व अयोध्या हनुमानगढ़ी लड्डू का जीआई पंजीकरण का कार्य पूरा हो जाए और वह पूरा हुआ. हमें विश्वास है कि आने वाले कुछ ही महीनों में अयोध्या हनुमानगढ़ी लड्डू को जीआई टैग प्राप्त हो जाएगा.

जीआई मैन ने बताया कि जीआई टैग तिरूपति लड्डू की भांति, यह मिठाई भी भारत की बौद्धिक सम्पदा में शामिल होगी. आने वाले समय में करोड़ों रामभक्त, हनुमान भक्त अपनी अयोध्या जी की यात्रा के पश्चात अयोध्या हनुमानगढ़ी लड्डू को गौरव के साथ ले जाएंगे. वहां के हलवाई समाज को इससे बहुत बड़ा लाभ प्राप्त होगा. सरकार का भी ध्यान इस लड्डू की गुणवत्ता, प्रचार-प्रसार, पैकेजिंग और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भेजने हेतु स्थानीय उत्पादकों को लाभ पहुंचाने में मदद करेगा.

क्या है जीआई: किसी भी रीजन का जो क्षेत्रीय उत्पाद होता है उससे उस क्षेत्र की पहचान होती है. उस उत्पाद की ख्याति जब देश-दुनिया में फैलती है तो उसे प्रमाणित करने के लिए एक प्रक्रिया होती है. जिसे जीआई टैग यानी जीओ ग्राफिकल इंडीकेटर (Geographical Indications) कहते हैं. जिसे हिंदी में भौगोलिक संकेतक नाम से जाना जाता है.

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Last Updated : Jan 10, 2024, 10:25 AM IST

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