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वाराणसी: हरिश्चंद्र कॉलेज में भारतेन्दु नाट्य अकादमी की शाखा खोलने की तैयारी

उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री ने यूपी के वाराणसी में स्थित हरिश्चंद्र कॉलेज में भारतेन्दु नाट्य अकादमी की शाखा खोलने के संकेत दिए हैं. डॉ. नीलकंठ तिवारी ने कहा है कि वह हरिश्चंद्र महाविद्यालय को मॉडल कॉलेज बनाना चाहते हैं. इस क्रम में भारतेन्दु नाट्य अकादमी की एक शाखा कॉलेज में स्थापित करना चाहते हैं.

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Published : Sep 29, 2020, 5:59 PM IST

Harishchandra PG College Webinar
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वाराणसी:जिले के मैदागिन स्थित हरिश्चंद्र कॉलेज में भारतेंदु नाट्य अकादमी की शाखा खोली जाएगी. इस बात की पुष्टि योगी सरकार के पर्यटन राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने की है. इस सम्बंध में डॉ. नीलकंठ तिवारी ने कहा है कि वह हरिश्चंद्र महाविद्यालय को मॉडल कॉलेज बनाना चाहते हैं. इस क्रम में भारतेन्दु नाट्य अकादमी की एक शाखा कॉलेज में स्थापित करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए वह महाविद्यालय परिवार से सहयोग की अपेक्षा है.

इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए महाविद्यालय का सहयोग अत्यंत आवश्यक है. योगी सरकार के पर्यटन राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज के पुरातन छात्र परिषद के द्वारा आयोजित 'शैक्षिक संस्थानों के विकास में पुरातन छात्रों की भूमिका' विषयक वेबिनार को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. इस वेबिनार के मुख्य वक्ता और अरुणांचल प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारी गोविंद जायसवाल ने शिक्षा में गतिशीलता पर जोर दिया.

उन्होंने विशेषज्ञ पुरातन छात्रों की सहायता लेने का सुझाव भी दिया. उन्होंने कहा कि पुरातन छात्रों की सहायता लेने से आने वाले भावी छात्रों में संस्कृति की छाप बनी रहेगी. इस कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता एडीजे मिर्जापुर संजय हरि शुक्ला ने हरिश्चंद्र महाविद्यालय के विकास में संभव मदद का आश्वासन दिया. वेबिनार में आईआईएल नागपुर विश्वविद्यालय के डायरेक्टर प्रो. राजेश सिंह व पूर्व प्राचार्य प्रो. ओमप्रकाश सिंह ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये.

पूर्व छात्र प्रो. आलोक चक्रवाल ने भी पीपीटी के माध्यम से बताया कि सभी पुरातन छात्र अपने महाविद्यालय को और उन्नत बना सकते हैं. इस वेबिनार में काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने अपने सुझाव को साझा किया. उन्होंने बताया कि सफलता प्राप्ति के लिए पुरातन छात्रों की एक विवरणिका तैयार करके वर्तमान छात्रों में वितरित करना चाहिए ताकि उन्हें प्रेरणा मिल सके.

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