वाराणसीः धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में अति प्राचीन मधुसूदन मठ की गद्दी नए महंत को सौंप दी गई है. काशी सुमेरु पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती के साथ 35 मठ के महंत और दंडी स्वामी की उपस्थिति में पूरे विधि-विधान से प्राचीन परंपरा के अनुसार नए महंत प्रणव महाराज को गद्दी पर बैठाया गया. अखिल भारतीय डंडी समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 45वें महंत के रूप में प्रणव महाराज को गद्दी सौंपी गई.
मधुसूदन मठ के 45वें महंत बनाए गए प्रणव स्वामी
धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में अति प्राचीन मधुसूदन मठ की गद्दी नए महंत को सौंप दी गई है. पूरे विधि-विधान से प्राचीन परंपरा के अनुसार नए महंत प्रणव महाराज को गद्दी पर बैठाया गया.
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काशी के केदार खंड क्षेत्र के प्राचीन मठ में जूठे दंडी स्वामी ने संत परंपरा के अनुसार वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ चाल और माला पहनाकर गद्दी पर बैठाया गया. राष्ट्रीय और देश के विकास कार्य के लिए संकल्पित किया गया. इस दौरान जय श्री राम हर-हर महादेव के उद्घोष से पूरा मठ प्रांगण गूंज उठा. शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि मधुसूदन प्राचीन मठ में प्रणव महाराज को नए महंत के रूप में गद्दी पर बैठाया गया. देशभर के 35 महंत और संतों के बीच परंपरा को निभाया गया. उन्हें गद्दी इसलिए दी गयी, ताकि पूरे राष्ट्र में सनातन विकसित हो, पुष्पित हो, अखंड हो और देशद्रोहियों का समन हो. आश्रम की सुव्यवस्था, भगवान की पूजन-अर्चन का दायित्व भी उन्हें सौंपा गया. संत परंपरा और गुरु सर्वसम्मति से इनको यहां का महंत घोषित किया गया.
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