वाराणसी : पुलिस ने जालसाजी करने वाले तीन लोगों को किया गिरफ्तार किया है. पकड़े गए तीनों अभियुक्त रमेश, सुनील और सौरव खासकर बुजुर्गों को अपना निशाना बनाते थे. यह लोग फेसबुक और सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से बुजुर्ग लोगों को दोस्त बनाते. फिर उन्हें बहला-फुसलाकर अपने विश्वास में लेने के बाद सेक्सुअल रिलेशनशिप का लालच देकर उनसे पैसे ऐेंठने का काम करते थे.
सोशल मीडिया पर बुजुर्गों से दोस्ती कर फंसाते थे जाल में, फिर करते थे ब्लैकमेल - वाराणसी न्यूज
यूपी के वाराणसी जिले में बीते दिनों एक बुजुर्ग की हुई हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. इसी क्रम में पुलिस ने एक जालसाजी करने वाले गिरोह का भी पर्दाफाश किया, जो फेसबुक और सोशल मीडिया के जरिए बुजुर्गों को फंसाकर उनसे पैसे ऐंठने का काम करता था. इसी गिरोह ने बीते दिनों रत्नाकर पांडे नाम के बुजुर्ग की हत्या कर लाश को पीलीभीत के जंगलों में फेंक दिया था.
जिले में चल रहे विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर योजना में अपना घर देने के बाद कई लोगों को मुआवजे के रूप में लाखों रुपए मिले हैं. इन्हीं में से एक बुजुर्ग रत्नाकर पांडे की कुछ दिनों पहले हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने यह पहेली सुलझा ली है. बड़े ही फिल्मी अंदाज में रची गई इस साजिश का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि चौक थाने में रत्नाकर पांडे के अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया था. इस संबंध में सर्विलांस की सहायता से यह पता चला कि रत्नाकर पांडे को अपहरणकर्ता पीलीभीत ले गए थे, जहां उनकी लाश भी मिली थी.
यहीं से पुलिस ने इस पूरे प्रकरण की छानबीन शुरू की थी और इस दौरान बेहद ही आश्चर्यजनक बातें सामने आईं. यहां ऐसे गिरोह का खुलासा हुआ जो सोशल साइटों पर पैसे वाले बुजुर्गों को फंसाते थे और उसके बाद कई तरह के प्रलोभन देकर उनसे पैसे ऐंठते थे.वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी के अनुसार मामले के मुख्य अभियुक्त सुनील ने बताया है कि उसने रत्नाकर पांडे से फेसबुक पर दोस्ती की थी. वहीं से उसे पता चला कि विश्वनाथ कॉरिडोर में घर देने के बाद उसके खाते में 55 लाख रुपये मुआवजे के रूप में आए हैं. इस पैसे को हड़पने के लिए वह कुछ दिनों तक वाराणसी आकर रत्नाकर पांडे के घर भी रह रहा था.
इसके बाद गठिया का इलाज कराने के बहाने वह उन्हें पीलीभीत ले गया. वहां उनकी गोली मारकर हत्या करने के बाद लाश को जंगलों में फेंक दिया.एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने यह भी बताया है कि अभियुक्त सुनील शर्मा काफी शातिर अपराधी है. उसके विरुद्ध बरेली, पीलीभीत, उत्तराखंड और इसके आसपास के जनपदों में कई मुकदमे दर्ज हैं. यह बुजुर्ग लोगों को फेसबुक और सोशल नेटवर्किंग के जरिए दोस्त बनाता है. फिर इन्हें विश्वास में लेकर इनके घर आना-जाना शुरू करता है और उन्हें अंतरंग वीडियो भी दिखाता है. यही नहीं सेक्सुअल रिलेशनशिप का भी प्रबंध देता है और इसके बाद ब्लैकमेल करना शुरू करता है. फिर मजबूरी में इज्जत बचाने के डर से बुजुर्ग इसके झांसे में आकर अपनी पूरी संपत्ति लुटा जाते हैं.