वाराणसी:कभी भूत प्रेत तो कभी आत्मा का चक्कर अक्सर अंधविश्वास में फंसे लोगों की तरफ से कोई बड़ा अपराध हो जाता है. अंधविश्वास में फंसे लोग भीड़ की शक्ल में पुलिस के लिए सिरदर्द बन जाते हैं. ऐसी स्थिति में पुलिस वाले हाथों में डंडा या हथियार होने के बाद भी खुद को कमजोर महसूस करते हैं.
पुलिस को दी जा रही ट्रेनिंग-
अंधविश्वास जेसी परिस्थिति में पुलिस कैसे खुद को निकाले, सामने वाले जो अंधविश्वास में फंसे लोग हैं. उनको कैसे नियंत्रित करें इन सारी चीजों की ट्रेनिंग पुलिस के जवानों को दी जा रही है. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एक्सपर्ट मनोज चिकित्सकों की टीम डायल हंड्रेड के लखनऊ मुख्यालय में यह स्पेशल ट्रेनिंग दे रही है, जिसका प्रोसेस बीते कई दिनों से जारी है. 1500 सौ से ज्यादा डायल हंड्रेड के जवानों को ट्रेनिंग दिए जाने के बाद यह जवान यूपी पुलिस के 40 हजार से ज्यादा जवानों को खुदट्रेनिंग देंगे.
पुलिस को दी जा रही भूत प्रेत और अंधविश्वास से लड़ने के लिए ट्रेनिंग. पुलिस के लिए गाइड बुक ट्रेनिंग-
वाराणसी स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय में पूर्व मनोचिकित्सक रह चुके डॉ. तुलसी यूपी के पुलिस मुखिया के निर्देश पर पुलिस वालों को मनोचिकित्सा से जुड़ी स्पेशल ट्रेनिंग देने में जुटे हैं. इसके लिए बाकायदा फर्स्ट रिस्पांडर्स द्वारा मानसिक स्वास्थ्य आपदाओं की हैंडलिंग हेतु एक गाइड बुक भी तैयार की गई है, जिसमें समस्या पुलिस का लक्ष्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मदद और देखभाल आम परिस्थितियां ऐसी स्थिति में कानून क्या कहता है और कैसे अच्छी आदतों के बल पर चीजों को हैंडल किया जाए.
इन सारी बातों का जिक्र किया गया है. 29 पन्नों के इस गाइड बुक में पुलिस वालों को अंधविश्वास और मानसिक बीमार व्यक्ति से निपटने के लिए हर वह जानकारी दी गई है, जिसकी उन्हें इस फील्ड में जरूरत पड़ती है. कुल मिलाकर पुलिस का एक नया चेहरा लोगों के सामने रखने और अंधविश्वास को मानसिक स्थिति से दूर करने के लिए यह कवायद की जा रही है.
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पुलिस के जवानों के लिए यह बेहद जरूरी है क्योंकि अक्सर अंधविश्वास में फंसने की वजह से कभी महिलाओं को चुड़ैल का भूत समझ कर मार दिया जाता है तो कभी किसी व्यक्ति पर भूत आने का दावा कर पुलिस वालों को परेशान किया जाता है. ऐसी स्थिति में डायल हंड्रेड की टीम सबसे पहले मौके पर पहुंचती है .
- डॉक्टर तुलसी, मनोचिकित्सक