वाराणसी: 13 दिसंबर का दिन देश के इतिहास के लिए एक बड़ा दिन है. इसकी बड़ी वजह यह है कि वाराणसी में 251 सालों के बाद बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के भव्य विश्वनाथ धाम में परिवर्तित किए जाने के संकल्प की पूर्णाहुति होने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में जो संकल्प लिया था वह सोमवार को पूर्ण हो जाएगा. सोमवार सुबह 10:30 पीएम मोदी बनारस पहुंचेंगे और काल भैरव दर्शन पूजन करने के बाद लगभग डेढ़ घंटे के लिए विश्वनाथ कॉरिडोर में होंगे.
यहां पर 15 मिनट की विशेष पूजा और फिर संतो के साथ पद्म पुरस्कार पाने वाले काशी के विशिष्ट जनों और 12 राज्यों के मुख्यमंत्री और 21 उप मुख्यमंत्रियों के साथ लगभग ढाई हजार लोगों की भीड़ को विश्वनाथ कॉरिडोर परिसर में बनाए गए मंदिर चौक में ही संबोधित करेंगे. पूरे मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया जा चुका है. माला फूल के साथ बैठने का प्रबंध पूर्ण हो चुका है या यूं कहें तैयारी पूरी है बस पीएम मोदी के आने का इंतजार है.
रोशनी से पूरी तरह से विश्वनाथ मंदिर परिसर नहा गया है. दीपावली और देव दीपावली का अद्भुत नजारा देखने के लिए 13 दिसंबर की शाम तैयारियां पूरी कर ली गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को भव्य बनाने के लिए डमरु दल शंखनाद करने के साथ ही घंटा घड़ियाल और पुजारियों की पूरी टोली तैयार हो चुकी है.
मंदिर चौक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को संबोधित करेंगे. इसमें संत मोरारी बापू, बाबा रामदेव, श्रीश्री रविशंकर, शंकराचार्य समेत महामंडलेश्वर और कई अन्य विख्यात संतों की मौजूदगी रहेगी. कुल 251 संतो के साथ ही देश भर से आए विशिष्टजनों की लंबी चौड़ी टीम मौजूद रहेगी.
मंदिर परिसर के अंदर ही 12 राज्यों के मुख्यमंत्री और 21 उप मुख्यमंत्रियों को भी प्रधानमंत्री मोदी संबोधित करेंगे. पीएम मोदी लगभग 12:00 बजे यहां पर पहुंचेंगे और लगभग डेढ़ घंटे तक मंदिर परिसर में ही मौजूद रहेंगे. कॉरीडोर की भव्यता को देखने के साथ ही यहां पर लगाई गई अहिल्याबाई होल्कर भारत माता और आदि शंकराचार्य की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के बाद बाबा विश्वनाथ के मंदिर परिसर में प्रधानमंत्री मोदी प्रवेश करेंगे.
मंदिर परिसर को सजाया जा चुका है. जिस मंदिर चौक में भव्य आयोजन होना है वहां कुर्सियां लगाई जा चुके हैं. लाल कारपेट बिछाया जा चुका है और तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं काशी के पद्म पुरस्कार पाने वाले लोगों को भी आमंत्रण भेजा गया है. जिसमें पद्मश्री रजनीकांत भी शामिल हैं. जीआई प्रोडक्ट के लिए सबसे बेहतर कार्य करने वाले पद्मश्री रजनीकांत से ईटीवी भारत में खास बातचीत की.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तोहफे में देने के लिए कुछ खास तरह की चीजें भी तैयार की गई हैं. जिनमें वुड कार्विंग का विश्वनाथ मंदिर का मॉडल रुद्राक्ष से तैयार हुआ अंग वस्त्र और कई अन्य चीजें शामिल हैं. पद्मश्री रजनीकांत ने बताया कि काशी के पद्म पुरस्कार पाने वाले लोगों को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है. हम सभी का सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में विशिष्ट लोगों में हम सभी को जगह मिल रही है.
पूरे मंदिर परिसर की सजावट भी देखने लायक है मंदिर चौक परिसर में बनाए गए प्रशासनिक भवनों के झरोखे लाल पर्दे से सजाए गए हैं, जो अपने आप में किसी महल के होने का अहसास कराने के लिए काफी हैं. चारों तरफ बनारसी गेंदे और रजनीगंधा के साथ अन्य फूलों की सजावट देखते ही बन रही है. भव्य द्वार के अंदर प्रवेश करने के बाद 251 साल पहले विश्वनाथ मंदिर की पुनर्स्थापना करने वाली इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा कुछ आगे बढ़ने पर भारत माता की प्रतिमा और फिर गंगा तट के निकट आदि शंकराचार्य की प्रतिमा को स्थापित किया जा चुका है.
काले रंग की पत्थर की प्रतिमाओं की सुंदरता अद्भुत है. हाथ में तिरंगा झंडा लिए भारत माता की प्रतिमा शायद पूरे देश में ही नहीं बल्कि विश्व में इकलौती ऐसी प्रतिमा है जो किसी धार्मिक स्थल पर स्थापित की गई है. विश्वनाथ धाम में भारत माता की प्रतिमा लगाने से पूरे परिसर में एक भक्तिमय माहौल भी नजर आ रहा है.