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संत रविदास के मंदिर पर मत्था टेक कर काशी से पंजाब को साधेंगे PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को वाराणसी दौरे पर आ रहे हैं. दौरे पर पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र को 2,900 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात देंगे. यही नहीं माघी पूर्णिमा पर संत रविदास की जन्मस्थली पर मत्था भी टेकेंगे.

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Published : Feb 18, 2019, 11:36 PM IST

संत रविदात जयंती पर सीरगोवर्धन जाएंगे पीएम मोदी.

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को वाराणसी दौरे पर आ रहे हैं. दौरे पर पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र को 2,900 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात देंगे. माघी पूर्णिमा पर सीरगोवर्धन में संत रविदास की जन्मस्थली पर मत्था टेकने के साथ-साथ पीएम मोदी वहां पर संत रविदास स्मारक, सत्संग भवन आदि का शिलान्यास करेंगे.

दरअसल, माघी पूर्णिमा पर संत रविदास का जन्म वाराणसी के सीरगोवर्धन में हुआ था. सीरगोवर्धन वह पवित्र स्थान है, जहां पर आज भी संत रविदास का भव्य मंदिर बना हुआ है. संत रविदास के अनुयायी पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और दुनिया के कई देशों में बसे हुए हैं. हर साल उनके जन्म दिवस पर 15 से 20 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ इस स्थान पर उमड़ती है. अलग-अलग राज्यों के साथ पंजाब से अकेले लाखों की तादाद में लोग यहां आते हैं.

संत रविदास जयंती पर पंजाब से आते हैं लाखों भक्त

संत रविदास की जन्मस्थली पर देश के बड़े-बडे़ नेताओं का भी आना-जाना लगा रहता है. यही वजह है कि लंबे समय से यहां पर हर बार कोई न कोई बड़ा नेता जरूर आता है. चाहे वह बसपा सुप्रीमो मायावती हों या फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल हों या खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों. हर किसी ने संत रविदास की जन्मस्थली पर मत्था टेका है. कहा जाता है कि यहां से पंजाब को भी साधने की कोशिश सभी राजनेता करते हैं, क्योंकि संत रविदास की जयंती पर लाखों की तादात में भक्त पंजाब से आते हैं.

पीएम मोदी के दौरे की जानकारी देते संवाददाता.

पीएम मोदी ने किया था मंदिर के विकास का वादा

इस बार भी 2019 चुनाव लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी यहां आने वाले हैं. यहां आकर पीएम मोदी मायावती के उस वादे को पूरा करने जा रहे हैं, जो मायावती ने 1996 में किया था, लेकिन वह बसपा सरकार के समय यह कार्य पूरा नहीं हो सका था. बसपा सरकार में मायावती ने संत रविदास की जन्मस्थली पर विकास कार्य कराने की कोशिश की थी और कुछ कार्य यहां पर हुए भी थे, लेकिन सपा सरकार आने के बाद सारे विकास कार्यों पर रोक लग गई थी. 1996 में मायावती ने मंदिर से कुछ दूर संत रविदास के नाम पर एक पार्क साथ ही लंगर और सत्संग भवन बनाने का वादा किया, लेकिन यह काम सपा सरकार आने के बाद रुक गया था. 2016 में जब पीएम मोदी यहां पहुंचे तो उन्होंने इस स्थान के विकास का वादा किया.

20 लाख से ज्यादा हैं अनुयाई

2017 में प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद 2018 में सीएम योगी ने इस मंदिर में दर्शन पूजन कर लंगर भी खाया और 100 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात भी दी, जिसके बाद 1996 में मायावती की तरफ से संत रविदास स्मारक के साथ सत्संग भवन और भवन का वादा भी पूरा हो गया. मंगलवार को पीएम मोदी मायावती के इसी सपने को पूरा करते हुए यहां पर शिलान्यास करेंगे. संत रविदास मंदिर का निर्माण 1996 के पहले ही शुरू हो गया था. पंजाब के रहने वाले कुछ संतों की मदद से इस मंदिर का भव्य रूप सामने आता गया और अनुयाई यहां पर जुड़ते गए. आज पूरे दुनिया भर से 20 लाख से ज्यादा अनुयाई इस मंदिर से जुड़े हैं और एक अलग रविदासिया धर्म भी बन चुका है.

देश के कई राजनेताओं ने इस मंदिर पर टेका है मत्था

इस धर्म से जुड़े लोगों में दलित वोट बैंक अत्यधिक हैं. कहा जाता है कि रविदासिया धर्म के प्रधान गुरु की तरफ से जिस भी राजनीतिक पार्टी का साथ देने की बात कही जाती है, उस पार्टी को पंजाब में लाभ मिलता है. इसी वजह से पंजाब में अपनी पकड़ बनाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2016 में संत रविदास के मंदिर पर मत्था टेका था. उसी के कुछ दिन बाद पीएम मोदी ने भी यहां पर आकर दर्शन-पूजन किया था, क्योंकि उस समय पंजाब में विधानसभा चुनाव थे. राहुल गांधी भी यहां पर दर्शन कर चुके हैं. पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह से लेकर कई बड़े नेताओं ने भी यहां पर मत्था टेका है.


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