वाराणसी: बनारस, काशी या फिर वाराणसी इसे चाहे जिस भी नाम से पुकारें हर नाम अपने आप में एक अलग अहसास देता है. बनारस का नाम लेते ही सबसे पहले यहां का पान और फिर बनारसी साड़ी याद आती है, लेकिन एक और चीज है जो याद आती है और वह है यहां की गुलाबी मीनाकारी. दरअसल इस कला का इस्तेमाल पहले के समय में राजा-रजवाड़े अपने मुकुट, वस्त्र और गहनों में करते थे. बाद में गुलाबी मीनाकारी का उपयोग आभूषणों, सजावटी सामान जैसे हाथी, घोड़े, चिड़िया आदि में और चांदी के बर्तनों में किया जाता है. अब आप सोंच रहे होंगे कि हम मीनाकारी की बात क्यों कर रहे हैं. दरअसल, हाल ही में अमेरिका के दौरे पर गए पीएम मोदी ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन को और जापान के प्रधानमंत्री को बनारसी मीनाकारी के बने अनोखे तोहफे भेंट किए. उधर पीएम ने इस अनोखी कला से बनी कलाकृति गिफ्ट की और इधर बनारस के कलाकारों के पास इसके आर्डर तेजी से मिलने लगे.
काशी के बने उत्पाद का विदेशी मेहमानों को दिया तोहफा
सात समुंदर पार एक बार फिर काशी की गुलाबी मीनाकारी की चमक छा गई है. पीएम मोदी ने शुक्रवार को अमेरिकी दौरे में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के नेताओं को गुलाबी मीनाकारी से बने तोहफे गिफ्ट किए. शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने रात 8 बजे विदेशी नेताओं को काशी के बने उपहारों को भेंट किया. पीएम मोदी ने अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को काशी के गुलाबी मीनाकारी से बने हुए शतरंज का सेट और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीशन को गुलाबी मीनाकारी वाली चांदी का जहाज भेंट किया. बता दें कि इन तोहफों को वाराणसी के गायघाट स्थित कुंज बिहारी और उनके भाई तरुण ने बनाया है. कुंज बिहारी ने बताया कि उन्हें 19 सितंबर को कॉल आया था कि तत्काल उन्हें मीनाकारी से बने हुए शतरंज और जहाज लेकर बुलाया गया. उनसे कहा गया कि अभी इसकी सूचना किसी को नहीं दी जाए. लेकिन जब शुक्रवार को पीएम ने ये तोहफा विदेश में दिया तो उन्हें भी गर्व महसूस हुआ.