वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से दूसरी बार बड़ी जीत हासिल की है. इन सबके बीच सवाल उठना लाजमी है कि आखिर वाराणसी की उन पांच विधानसभाओं में से कौन सी विधानसभा ऐसी रही, जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुलकर मतदान किया. जवाब अगर आपको दिया जाए तो वह है कैंट विधानसभा.
वाराणसी: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र का एक पहलू ऐसा भी जो है मंथन का विषय - south seat are subject of brainstorming
वाराणसी से सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बार जनता ने भारी बहुमत से चुना. लेकिन वहीं भाजपा के लिए काशी का एक क्षेत्र ऐसा भी है जो चिंता का विषय है.
आंकड़ों पर अगर गौर करें तो कैंट विधानसभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीत के अंतर को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है, लेकिन सबसे आश्चर्य की बात यह है कि बीजेपी का गढ़ कहा जाने वाला शहर दक्षिणी प्रधानमंत्री मोदी को वोट दिलवाने के मामले में सबसे पीछे रहा है. जिसके बाद जरूरत है कैंट विधानसभा को कम तवज्जो देते हुए दक्षिण विधानसभा पर ज्यादा जोर देने की क्योंकि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर अभी से अगर ध्यान नहीं दिया गया, तो निश्चित तौर पर बीजेपी का गढ़ शहर दक्षिणी भारतीय जनता पार्टी के लिए उस वक्त मुश्किल पैदा कर सकता है.
- दक्षिणी कैंट, रोहनिया और सेवापुरी वाराणसी लोकसभा में शामिल हैं, जबकि तीन अन्य विधानसभाओं में शिवपुर, अजगरा और पिंडरा यतीन विधानसभा चंदौली और मछली शहर लोकसभा में आती हैं.
- इन विधानसभाओं में 226624 वोटर्स ने अपने मतदान का प्रयोग किया, जिसमें पीएम मोदी को 155813 वोट मिलें, जबकि अन्य विधानसभाओं में पीएम को अधिक मतों की प्राप्ती हुई.
- इन आंकड़ों पर गौर करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी को इन विधानसभाओं पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है.
- शहर के दक्षिणी इलाके से पीएम मोदी को सबसे कम वोट मिले, यहां की सीट पर लगातार भाजपा का कब्जा रहा, लेकिन इस लोकसभा चुनाव में यहां से कम वोट मिलना मंथन का विषय है.