वाराणसीःकाशीवासियों के लिए सोमवार का दिन बेहद खास रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर राजा तालाब के मेहंदीगंज में आयोजित जनसभा में 5,189 करोड़ रुपए की 28 परियोजनाओं का लोकार्पण किया. इसके साथ ही उन्होंने 64 हजार करोड़ की आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना भी देश को समर्पित की.
जनसभा स्थल पर पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिर-परिचित अंदाज में हर हर महादेव... के उद्घोष के साथ भोजपुरी में अभिवादन किया. उन्होंने कहा कि भइया, बहन को प्रणाम...उन्हें दीपावली, प्रकाशोत्सव, भैया दूज, डाला छठ की ढेर सारी शुभकामनाएं. इसके बाद उन्होंने कहा कि काशी में शिव शक्ति साक्षात निवास करती है. यह कष्टों को दूर करने वाली भूमि है. इस वजह से बीमारियों से लड़ने के लिए स्वास्थ्य योजना के शुभारंभ के लिए इससे बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती है. कहा कि आज यहां दो कार्यक्रम हो रहे हैं, एक भारत सरकार का और दूसरा काशी के विकास का. काशी से आज कई योजनाओं की शुरूआत हो रही है. इस जगह पर महादेव का आशीर्वाद है और जब महादेव का आशीर्वाद जहां साथ है वहां सफलता तय है. कष्टों से मुक्ति स्वाभाविक है.
उन्होंने कहा कि महामारी से बचाव के लिए हमारी तैयारी बेहतर हो, आत्मविश्वास व आत्मनिर्भरता बढ़े इसलिए काशी से 64 हजार करोड़ की स्वास्थ्य योजना को देश को समर्पित किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि काशी के लिए पांच हजार करोड़ की कई योजनाओं का लोकार्पण हो रहा है यह पूरे देश को नई ऊर्जा देगी. इस मौके पर उन्होंने डॉक्टरों और हेल्थ प्रोफेशनल के प्रति आभार जताया. कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश में 100 करोड़ वैक्सीनेशन के पड़ाव को पूरा किया गया है. बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद और मां गंगा के अविरल प्रताप और काशी के अखंड विश्वास से सबको मुफ्त में वैक्सीन लगाई जा रही है. कहा कि आज नौ नए मेडिकल कॉलेज देने का भी अवसर मिला है. इससे करोड़ों लोगों को लाभ मिलेगा. रोजगार का सृजन होगा. गरीब का बच्चा भी आसानी से डॉक्टर बन सकेगा. दूसरे शहरों के अस्पतालों की भागदौड़ खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा कि पहले और अब की सभी योजनाओं को मिला दें तो कुल 75 हजार करोड़ की परियोजनाएं जारी हो चुकी हैं. महामारी से निपटने को हेल्थ सिस्टम तैयार किया जा रहा है.
लक्ष्य है कि गांव से ब्लॉक, जिला, रीजनल, नेशनल तथा क्रिटिकल हेल्थ केयर बनाया जाए. इसके तीन पहलू हैं. पहला बीमारी मुफ्त में पता चले ताकि गंभीर होने की आशंका कम हो सके. 600 से अधिक जिलों में क्रिटिकल केयर के लिए बैड तैयार किए जाएंगे. दूसरा बिंदु है इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना. 730 जिलों में इंटीग्रेटेड सिस्टम होगा और अन्य को विकसित किया जाएगा और तीसरा पहलू है रिसर्च संस्थानों को सशक्त बनाने का.