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वाराणसी में नहीं हुआ PM Modi का सपना साकार, 6 साल बाद भी नहीं हो पाई 200 करोड़ की योजना पूरी - पीएम मोदी का सपना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं को स्किल्ड करने के अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को एक ट्रेनिंग सेंटर की सौगात दी थी. 20 एकड़ जमीन में खुलने वाले इस सेंटर के लिए बजट भी जारी हुआ लेकिन अभी तक यह बन नहीं पाया. आईए जानते हैं इसमें क्या बाधा आ रही है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 13, 2023, 2:47 PM IST

वाराणसी में बनने वाले ट्रेनिंग सेंटर पर संवाददाता प्रतिमा तिवारी की रिपोर्ट

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं को स्किल्ड करने की बात करते हैं. इसी के तहत उन्होंने 2016 में अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के युवाओं को टेक्निकल ट्रेनिंग देने के लिए एक सेंटर की सौगात दी थी. इसके लिए बाकायदा बजट भी पास किया गया. 200 करोड़ रुपए का बजट रहा, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि 6 साल बीत जाने के बाद भी अब तक विभाग 20 एकड़ जमीन की व्यवस्था नहीं कर पाया है. अब तक इस ट्रेनिंग सेंटर से सैकड़ों की संख्या में युवा अलग-अलग क्षेत्र में कार्य कर रहे होते. इसे विभाग की लापरवाही कहें या फिर नजरअंदाजी. एमएसएमई विभाग जमीन तक नहीं उपलब्ध करा सका है.

एमएसएमई सेंटर में रखीं मशीनें

ट्रेनिंग सेंटर का क्या था उद्देश्यःवाराणसी में 20 एकड़ एरिया में टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटर बनाया जाना है. इस टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटर को हैदराबाद, बेंगलुरु की तर्ज पर तैयार किया जाना था. इसका उद्देश्य यही था कि जो छात्र या रोजगारपरक शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले युवा हैं, उन्हें अपने शहर से ही ट्रेनिंग मिल सके. उन्हें किसी अन्य शहर या राज्य में न जाना पड़े. काफी लंबा समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक एमएसएमई विभाग को जमीन नहीं मिल सकी है. विभाग ने कृषि अनुसंधान विभाग से भी जमीन के लिए पत्र व्यवहार का काम शुरू किया था. इस पर भी विभाग की बातचीत चल रही है.

वाराणसी के एमएसएमई सेंटर में युवाओं को दी जा रही ट्रेनिंग

सरकार की तरफ से 200 करोड़ रुपये का बजट हुआ था जारीःMSME के डिप्टी डायरेक्टर आरके चौधरी ने बताया कि "सरकार की तरफ से 200 करोड़ रुपये का बजट है. राज्य सरकार द्वारा जैसे ही भूमि आवंटित की जाती, वैसे ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इससे पूर्वांचल के जितने बेरोजगार युवा हैं वे तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर फैक्ट्रियों आदि में ऑपरेटर के रूप में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं. कुछ जमीन मिली है, लेकिन वह शहर से काफी दूर है. इस योजना के लिए ग्रामीण स्तर पर कई कमेटी बनी है. योजना को बनाने के दौरान गांव के प्रधान को भी जोड़ा गया. ऐसे में युवाओं को काम मिलने में आसानी रहेगी."

अभी वाराणसी के एमएसएमई सेंटर में युवाओं को दी जा रही ट्रेनिंग

टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटर न बनने से युवाओं को नुकसानः साल 2016 में 200 करोड़ का बजट पास होने के बाद टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए राजा तालाब में MSME विभाग ने सर्वे किया था. वहां पर जमीन नहीं मिल सकी. इसके बाद से अभी तक जमीन की तलाश जारी है. उत्तर प्रदेश सरकार से इसके लिए विभाग बातचीत कर रहा है. इस मामले में MSME विभाग का ही कहना है कि वाराणसी में अगर समय पर टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटर खोल दिया जाता तो यहां के युवाओं को अपना हुनर निखारने में काफी मदद मिलती. आज के दिन वे किसी न किसी तरीके टेक्निकल काम में लगे होते. आज के समय में हजारों की संख्या में स्टूडेंट यहां से निकलकर शहर का नाम कर रहे होते.

वाराणसी के एमएसएमई सेंटर में ट्रेनिंग के दौरान प्रैक्टिकल करते युवा

तो बनारस के युवा इसरो में दिखा रहे होते हुनरःलघु उद्योग भारती के अध्यक्ष राजेश सिंह का इस बारे में कहना है कि 'टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए पिछले कई साल से राज्य सरकार से जमीन देने की मांग की जा रही है. इसके लिए कई बार पत्र भी भेजा गया है. वाराणसी में टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटर खुला होता तो यहां से भी छात्र इसरो में जाकर अपना हुनर दिखा रहे होते. इस सेंटर में सभी तरह की टेक्निकल ट्रेनिंग शहर के युवाओं को दी जाती.'

ट्रेनिंग सेंटर बनने पर चलाए जाएंगे ये कोर्सःMSME विभाग के अधिकारियों ने टेक्निकल सेंटर में चलाए जाने वाले कोर्सेज के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अगर सेंटर खुल जाता है तो इसमें डिप्लोमा इन मैकेनिकल, डिप्लोमा इन मैकाट्रानिक, डिप्लोमा इन टूल एंड डायमेकिंग का कोर्स चलाया जाएगा. इसके साथ ही आईटीआई, फिटर के शॉर्ट टर्म कोर्स भी चलाए जाएंगे. इस सेंटर में स्टूडेंट्स को एयरो प्लेन के पार्ट बनाने, ट्रक के पार्ट्स बनाने और डिजाइन तैयार करने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी. लेदर इक्विपमेंट्स में भी उन्हें ट्रेन्ड किया जाएगा. साथ ही साथ इस ट्रेनिंग सेंटर में प्लेन और ट्रक के पार्ट्स के डिजाइन तैयार करने के लिए सॉफ्टवेयर भी तैयार किया जाएगा.

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