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पीएम मोदी ने रैदासियों को समर्पित किया 5.35 करोड़ की लागत से बना लंगर हॉल - सीगोवर्धन पूर्व में संत रविदास की जन्मस्थली

वाराणसी पहुंचे पीएम मोदी ने काशीवासियों को करीब 21 सौ करोड़ रुपये की सौगात दी. उन्होंने सीगोवर्धन पूर्व में संत रविदास की जन्म स्थली पर बना लंगर हॉल भी रैदासियों को समर्पित कर दिया. पर्यटन की दृष्टि से भी यह लंगर हॉल बहुत ही विशेष होगा.

रैदास लंगर हॉल
रैदास लंगर हॉल

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Published : Dec 23, 2021, 7:37 PM IST

Updated : Dec 23, 2021, 9:14 PM IST

वाराणसी:जिले के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे और अपने संसदीय क्षेत्र के साथ आसपास के जिलों को 2,095.67 करोड़ों रुपए की लागत से विभिन्न परियोजनाओं की सौगात दी. साथ ही उन्होंने सीगोवर्धन पूर्व में संत रविदास की जन्म स्थली पर 5.35 करोड़ की लागत से बने लंगर हाल को भी रैदासियों को समर्पित कर दिया.

ज्ञात हो कि कुछ ही महीनों बाद उत्तर प्रदेश के साथ पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. दोनों राज्यों में संत रविदास को मानने वाले लाखों की संख्या में अनुवाई हैं. इसलिए राजनीतिक दृष्टि से भी यह लंगर हॉल बहुत मायने रखता है.

पीएम ने रैदासियों को समर्पित किया लंगर हॉल

भविष्य की योजना

उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड भदोही इकाई के द्वारा संत गुरु रविदास जन्म स्थली सीगोवर्धन के पर्यटन विकास के अंतर्गत लंगर हॉल का निर्माण कार्य, पाथवे का निर्माण कार्य, श्री गुरु रविदास की कांस्य की प्रतिमा, ट्रामा सेंटर से रविदास मंदिर मोड़ तक सड़क निर्माण, रविदास मंदिर मोड़ से नेशनल हाईवे तक सड़क का सुंदरीकरण, रविदास मंदिर के लंगर हॉल होते हुए नेशनल हाइवे तक सड़क निर्माण की प्रारंभिक अनुमानित लागत 1514.02 लाख से कार्य शुरु किया गया है.

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लंगर हॉल की विशेषता

लगभग 8964 स्क्वायर फीट में पूरा 2 मंजिला लंगर हॉल तैयार किया गया है, जिसमें हॉल के लिए 1374 स्क्वायर फीट जगह ली गई है. साथ ही बालकनी के लिए 720 स्क्वायर फीट और वीआईपी रूम के लिए 475 स्क्वायर फीट जगह ली गई है. यहां दो मंजिला बड़े-बड़े हॉल हैं. एक बड़ा वीआईपी रूम भी बनाया गया है. रैदासियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो इसलिए पैदल चलने के लिए रैंप भी बनाया गया है. जो लोग सीढ़ी से न जा सकें वह रैंप का प्रयोग कर सकते हैं. पर्यटन की दृष्टि से भी यह लंगर हॉल बहुत ही विशेष होगा. इसके रास्ते को सीधा हाईवे से जोड़ा जाएंगा, जिससे यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

राजनेताओं का है पसंदीदा मंदिर

चुनाव आते ही नेताओं को मंदिर याद आने लगते हैं. ऐसे में संत रविदास की जन्मस्थली कहे जाने वाले श्री गोवर्धन का विकास साल 2008 में बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने शासनकाल में कराया था. मायावती ने उस समय यहां सोने के पालकी भी दान की थी. इसके बाद से नेताओं का संत रविदास के दर पर मत्था टेकने का सिलसिला अनवरत जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, योगी आदित्यनाथ, चंद्रशेखर ऐसे तमाम नेता संत रविदास के दरबार में आते हैं और मत्था टेकते हैं.

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विदेश से भी आते हैं भक्त

संत रविदास की जयंती के अवसर पर देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी भक्त बाबा का दर्शन करने के लिए आते हैं, जिसमें खास करके पंजाब हरियाणा के में रहने वाले भक्तों की संख्या ज्यादा होती है. हर साल सिर्फ पंजाब से 25 लाख से ज्यादा लोग आते हैं, कनाडा और विश्व के कोने-कोने से भी रैदासी यहां पर आते हैं.

20 लाख लोगों को मिली डिजिटल घरौनी

20 लाख लोगों को मिली डिजिटल घरौनी

प्रधानमंत्री ने आज वाराणसी में एक ऐसा काम भी किया है, जिसे लेकर बहुत से लोगों में खुशी है. यह काम है उन लोगों को घरौनी का प्रमाण पत्र देने का है जो लंबे वक्त से अपनी पुश्तैनी जमीनों के लिए संघर्ष कर रहे थे. इन लोगों को बड़ी राहत मिली है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच के पीछे बनाए गए विशेष कक्ष से विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों और किसानों के साथ लगभग 20 मिनट तक संवाद भी किया. उन्होंने प्रदेश के 20 लाख लोगों को डिजिटल घरौनी भी जारी की. उन्होंने वाराणसी में मंच से 6 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र देकर उन्हें बड़ी राहत दी. इनमें विनोद कुमार, जय कृष्ण उपाध्याय, दौलती देवी, छोटे लाल चौहान, दशरथ पाल और चंद्रशेखर मौर्या शामिल हैं. इन सभी लोगों से ईटीवी भारत में बातचीत करके इनकी खुशी जानी.

पीएम को सुनने लद्दाख से पहुंचे लोग

पीएम को सुनने लद्दाख से पहुंचे लोग

पीएम मोदी बनारस पहुंचे तो बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ भी बनारस में उन्हें सुनने और देखने के लिए मैदान में जुटी थी. इस दौरान एक अलग ही कुछ लोग अलग ही वेशभूषा में नजर आए. इन लोगों के पास जब जाकर जब बातचीत की तो पता चला कि प्रधानमंत्री मोदी को सुनने और उन्हें धन्यवाद कहने के लिए लेह लद्दाख से 15 लोगों का दल बनारस पहुंचा था. हालांकि सुरक्षा कारणों से यह प्रधानमंत्री तक नहीं पहुंच सके लेकिन, उन्हें देखकर ही यह काफी खुश रहे.

Last Updated : Dec 23, 2021, 9:14 PM IST

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