वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को जब भव्य काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का उद्घाटन करने पहुंचे तो उनके चेहरे का आत्मविश्वास साफ बता रहा था कि वर्ष 2014 में जिन सपनों के साथ वह लोकसभा चुनाव का पर्चा दाखिल करने आए थे, वह पूरा हो रहा है. गंगा घाट की सफाई से लेकर विश्वनाथ धाम के नवीनीकरण और कॉरिडोर का निर्माण, सभी कामों का पूरा होना किसी ख्वाब से कम नहीं. यह पूरा हुआ ख्वाब ललिता घाट से गंगा स्नान कर गेरुआ वस्त्र धारण किए प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर दिख रहा था.
ज्ञात हो कि जब वह वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए काशी से पर्चा दाखिल करने पहुंचे थे. उस वक्त उन्होंने मां गंगा के दर्शन कर कहा था कि, न तो मैं आया हूं और न ही मुझे भेजा गया है. दरअसल, मुझे तो मां गंगा ने यहां बुलाया है. यहां आकर मैं वैसी अनुभूति कर रहा हूं, जैसा एक बालक अपनी मां की गोद में करता है.
विश्वनाथ कॉरिडोर का किया लोकार्पण
सोमवार जो कि बाबा भोलेनाथ का प्रिय दिन भी माना जाता है, इस दिन पीएम मोदी पूरी तरह से शिवभक्त के रूप में नजर आ रहे हैं. पीएम मोदी ने गंगा स्नान के बाद बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया और विधिवत पूजा-पाठ की. बाबा विश्वनाथ की पूजा के बाद पीएम ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया. इस मौके पर उन्होंने सभी का अभिवादन करते हुए कहा कि काशी के सभी बंधुओं के साथ भोले बाबा के शीश नवाते हैं और माता अन्नपूर्णां को नमन करते हैं. पीएम ने कहा कि ये भव्य धाम भक्तों को अतीत के गौरव का एहसास कराएगा. इससे पहले उन्होंने कहा कि अभी मैं बाबा के साथ साथ नगर कोतवाल कालभैरव के दर्शन करके आया हूं, देशवासियों के लिए उनका आशीर्वाद लेकर आ रहा हूं. पीएम ने कहा कि काशी में कुछ भी खास हो, कुछ भी नया हो, उनसे पूछना आवश्यक है. मैं काशी के कोतवाल के चरणों में भी प्रणाम करता हूं.
सीएम योगी का किया अभिनंदन
पीएम ने देश दुनिया के उन सभी लोगों का आभार व्यक्त किया जो दूर होकर भी इस पल के साक्षी बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पुराणों में कहा गया है कि जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है. हमारी इस वाराणसी ने युगों को जिया है, इतिहास को बनते-बिगड़ते देखा है. कितने ही कालखंड आए, कितनी ही सल्तनतें उठीं और मिट्टी में मिल गईं, फिर भी बनारस बना हुआ है. पीएम ने कहा बनारस अपना रस बिखेर रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे कारीगर, हमारे सिविल इंजीनयरिंग से जुड़े लोग, प्रशासन, वो परिवार जिनके यहां घर थे सभी का मैं अभिनंदन करता हूं. इन सबके साथ यूपी सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी अभिनंदन करता हूं, जिन्होंने काशी विश्वनाथ धाम परियोजना को पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दिया. पीएम ने कहा मैं आज हर उस श्रमिक भाई-बहनों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिनका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है. कोरोना के इस विपरित काल में भी उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया.
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'यहां औरंगबेज आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं'
पीएम ने कहा कि आतताइयों ने इस नगरी पर आक्रमण किए, इस नगरी को ध्वस्त करने का प्रयास किया. मुगल वंश के औरंगजेब ने सभ्यता को तलवार के दम पर कुचलने की कोशिश की लेकिन, इस देश की मिट्टी पूरी दुनिया से अलग है. अगर यहां औरंगबेज आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं. अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं. पीएम ने कहा कि आज समय का चक्र देखिए, आतंक के वो पर्याय इतिहास के काले पन्नों में सिमट कर रह गए हैं और मेरी काशी आगे बढ़कर अपने गौरव को नई भव्यता दे रही है. बनारस वो नगर है, जहां जगतगुरु शंकराचार्य को भी प्रेरणा मिली और उन्होंने देश को एक सूत्र में बांधने का संकल्प लिया.