वाराणसीःओलंपिक में खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन के बाद सरकार लगातार खेलों को बढ़ावा देने की बात कर रही है. इसके साथ ही समय-समय पर सरकार के नुमाइंदों के द्वारा खेलों को एक नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की बात भी की जा रही है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में प्रतिभा तराशने वाले उस गुरु द्रोणाचार्य की कमी है, जो खिलाड़ियों के भविष्य को और बेहतर बनाता है. इसके साथ ही संसाधनों की भी कमी है, जिससे खिलाड़ियों का अभ्यास प्रभावित होता है.
सुविधाओं और कोच के आभाव में टूट रहे खिलाड़ियों के सपने
यूपी के वाराणसी में कोचों के अभाव खिलाड़ियों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. कोच नहीं होने से खिलाड़ियों की अच्छे से प्रैक्टिस नहीं हो पाती.
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वहीं, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आरपी सिंह ने बताया कि खिलाड़ियों की सुविधा का भरपूर ध्यान रखा जा रहा है, कोच की कमी है. वर्तमान में 2 कोच है, एक सिगरा स्टेडियम में खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. दूसरा बड़ा लालपुर स्टेडियम में है. कोरोना काल से पहले शासन ने स्थाई कोच की नियुक्ति की थी, लेकिन अभी तक उन्होंने ज्वाइन नहीं किया. खिलाड़ियों को ज्यादा समस्या न हो इसलिए हम सीनियर प्लेयर की मदद से उन्हें ट्रेनिंग दे रहे हैं. जल्द ही शासन स्तर से खिलाड़ियों को कोच भी मुहैया करा दिया.