वाराणसी :बनारस को घाटों का शहर कहा जाता है. जो भी काशी आता है यहां के घाटों का दीदार जरूर करना चाहता है. ऐसे में ग्रामीण अंचल और आउटर में भी लोगों को घाट का लुफ्त मिल सके इसको लेकर पर्यटन विभाग एक नया प्लान लेकर आया है. विभाग ने प्लान के तहत बनारस के अलग-अलग हिस्सों में तीन नए घाटों को विकसित करने की योजना बनाई है. यह घाट न सिर्फ पर्यटकों के उत्साह को और बढ़ाएंगे, बल्कि बनारस के हैरिटेज को सुरक्षित रखने का भी काम करेंगे.
वाराणसी में टूरिज्म का सेक्टर पहले से ही बेहतर था, लेकिन यहां काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद से इस सेक्टर में बूम आया है. पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और लोग यहां हैरिटेज को पसंद करते रहे हैं. इसी वजह से यहां पर राज्य और केंद्र सरकार ने सांस्कृतिक विरासत को बढ़ाने का प्रयास किया है. पुराने घाटों को नया रूप देने का काम किया है. वहीं कुछ नए घाटों का भी निर्माण किया जा रहा है. इससे यहां पर आने वाले लोगों को गंगा किनारे की सैर और अच्छा वक्त बिताने का मौका मिल सकेगा.
पुराने घाटों को किया जाएगा रेनोवेट :गंगा किनारे घाटों को रेनोवेट कराने के साथ ही साथ यहां पर घाटों की संख्या बढ़ाने का प्लान है. ऐसे में इस पर काम जारी है. इस बारे में पयर्टन उपनिदेशक आर के रावत ने बताया कि 'वाराणसी घाटों के शहर के रूप में भी जाना जाता है. यहां पर 84 घाट हैं, इन्हीं घाटों में कुछ घाट नए बन रहे हैं. यहां पर जो पर्यटक आते हैं उनकी पहली प्राथमिकता मंदिर में दर्शन करना, पूजन करना होता है. ऐसे में घाटों की स्थिति को देखते हुए हम लोगों ने कुछ और घाट लिए हैं, जो घाट बने हुए हैं उनको रेनोवेशन के रूप में लिया है. हमारा प्रयास है कि हम इन घाटों को जल्द से जल्द बनाएं.'