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ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की वादी के पैरोकार ने जताई साजिश की आशंका - वाराणसी की खबरें

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में वादी राखी सिंह के पैरोकार और विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख ने अपने और अपने साथियों के साथ किसी बड़ी साजिश की आशंका जताई है.

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जितेंद्र सिंह बिसेन

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Published : Aug 29, 2022, 10:26 PM IST

Updated : Aug 30, 2022, 7:39 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में सबसे पहली वादिनी महिला राखी सिंह के पैरोकार और विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने सोमवार को एक मैसेज जारी किया है. मैसेज के जरिए उन्होंने अपने और अपने संगठन से जुड़े तमाम लोगों के साथ किसी बड़ी साजिश की आशंका जताई है. उनका कहना है जो परिस्थितियां बन रही हैं, उन परिस्थितियों में किसी भी समय मेरे या मेरे किसी भी संगठन के सदस्य के साथ कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. इसकी साजिश रची जा रही है.

जितेंद्र सिंह बिसेन की तरफ से भेजे गए संदेश में कहा गया है कि 'काशी, मथुरा व देश के अन्य कई धार्मिक स्थलों की संवैधानिक लड़ाई लड़ने का कार्य मैं कर रहा हूं. यह कार्य मैं न करूं, इसके लिए हिंदू विरोधी शक्तियां हर संभव प्रयास कर रही हैं. हिंदू विरोधी शक्तियों के अतिरिक्त तथाकथित हिंदुत्व के ठेकेदार भी मेरे विरोध में उतर कर हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि मैं इन कार्यों को छोड़ दूं. दुर्भाग्य मेरा ऐसा है कि सरकार और शासन-प्रशासन के अधिकारी भी उन सभी का पूर्ण सहयोग कर रहे हैं, तथा हर तरह से मेरे ऊपर दबाव बनाया जा रहा है कि मैं यह सब कार्य बंद कर दूं.'

जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा कि मीडिया के माध्यम से समाज में भ्रम फैलाया जा रहा है कि राखी सिंह मुकदमा वापस ले रही हैं. उन्होंने कहा कि वे कमीशन की इस कार्रवाई में शामिल न हो सकें इसके लिए हर संभव प्रयास किया गया. अंततः एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह के द्वारा उन्हें कमीशन कार्रवाई के दौरान कमीशन से बाहर कर दिया गया. उनके अकाउंट में अज्ञात सूत्रों के द्वारा पैसा देकर उन्हें बदनाम किया गया. समाज में यह भ्रम फैलाया गया कि जितेंद्र सिंह बिसेन मुस्लिम पक्ष से मिले हुए हैं.

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उन्होंने कहा कि कमीशन कार्रवाई के दौरान हुई वीडियोग्राफी न्यायालय के शब्द आदेश के बाद भी उसका लीक हुआ और उसका इल्जाम उनके ऊपर लगाया गया. वीडियो लीक मामले में सरकार के द्वारा दोषियों के खिलाफ न जांच कराई गई और न ही कार्रवाई की गई. जितेंद्र ने सरकार से ज्ञानवापी प्रकरण के दौरान हुई प्रत्येक घटना की सीबीआई जांच की मांग की, लेकिन सरकार के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई जांच नही की गई. स्पष्ट है कि वह ऐसे असामाजिक तत्वों के साथ हैं.

जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा कि उनके द्वारा सीबीआई जांच की मांग करने पर उनके सहयोगियों के ऊपर फर्जी मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया. इससे उनके साथ जुड़े हुए लोगों का मनोबल टूटा और उनके कई सहयोगी उनसे दूर हो गए. कमीशन कार्रवाई के दौरान थाना चौक से संबंधित पुलिस अधिकारियों का उनके प्रति दुर्व्यवहार पूर्ण बर्ताव किया गया. न्यायालय परिसर में मेरे अधिवक्ता अनुपम त्रिवेदी को धमकी देकर डराया गया. अज्ञात तत्वों द्वारा उन्हें ज्ञानवापी प्रकरण से दूर रहने तथा बनारस न आने की धमकी दी गई. तथाकथित राष्ट्रवादी जो पूर्व में पाकिस्तान के पैसे पर रोटी खाता था पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ उसके द्वारा उनके बारे में दुष्प्रचार किया गया.

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विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने कहा कि इसके अतिरिक्त अनेकों ऐसे बिंदु हैं, जिनके ऊपर सरकार पूरी तरह उनके विरोधियों के साथ खड़ी है. इससे स्पष्ट होता है कि सरकार तथा प्रशासन भी नहीं चाहता कि वे ज्ञानवापी प्रकरण में संवैधानिक रूप से जो कार्रवाई कर रहे हैं उसे करें.

विसेन ने कहा कि 'परिस्थितियां ऐसी बन चुकी है कि मैं व मेरे परिवार के सदस्य, मेरे सहयोगी तथा मेरे अधिवक्ता कभी भी किसी भी षड्यंत्र या किसी दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं, यदि ऐसा कुछ होता है. तो हिंदू विरोधी शक्तियों के अतिरिक्त तथाकथित राष्ट्रवादी पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ तथा कुछ अन्य लोगों के साथ सरकार तथा शासन के लोग भी जिम्मेवार होंगे.'

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले के पैरोकार 5 सितंबर को नहीं होंगे कोर्ट की कार्यवाही में शामिल
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में वादी राखी सिंह के पैरोकार और विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने 5 सितंबर पर नहीं होंगे कोर्ट की कार्यवाही में शामिल न होने का ऐलान किया है. जितेंद्र सिंह बिसेन ने अपने और सहयोगियों पर कोई अनहोनी होने की आशंका व्यक्त की है. उन्होंने एक दिन पहले ही मीडिया को इसकी लिखित सूचना दी थी. आज उन्होंने एक पत्र जारी करते हुए 5 सितंबर को विश्व वैदिक सनातन संघ की याचिका पर होने वाली सुनवाई में हिस्सा न लेने की बात कही है.

जितेंद्र बिसेन ने जारी पत्र में बताया कि उनकी रेकी हो रही है. दिल्ली में उनसे लोग पूछ रहे हैं और धमकियां देकर इस मुकदमे से हटने के लिए कह रहे हैं. जितेंद्र बिसेन को किसी तरह की दुर्घटना होने का अंदेशा है और जान का खतरा है. इसलिए वह 4 सितंबर को अपने वकील शिवम गौड़ के साथ वाराणसी आने के प्लान को कैंसिल कर चुके हैं. वह 5 सितंबर की सुनवाई में शामिल नहीं होंगे. विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख ने मैसेज भेजकर बताया है कि ज्ञानवापी परिसर को लेकर मुकदमा नंबर 712/2022 भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान (किरन सिंह "विसेन") बनाम उत्तर प्रदेश राज्य 5 सितंबर से 7/11 पर निरंतर होने वाली सुनवाई को वादी पक्ष की तरफ से अभी कुछ समय के लिए टाला जा रहा है. जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती है, हम वाराणसी नहीं आ सकते. इसलिए 4 सितंबर को मैंने अपना और एडवोकेट शिवम गौड़ का वाराणसी आने का कार्यक्रम निरस्त कर दिया है.

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Last Updated : Aug 30, 2022, 7:39 PM IST

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