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बनारस के लोगों ने आदिपुरुष फिल्म के डायलॉग पर उठाए सवाल, कहा- प्रभास की एक्टिंग पसंद आई

प्रभास और कृति सेनन की फिल्म 'आदिपुरुष' सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियां बटोर रही है. फिल्म को लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिलने के साथ-साथ काफी ट्रोल भी किया जा रहा है. दर्शकों का कहना है कि ये फिल्म मॉडर्न जमाने की रामायण है. वहीं, कुछ लोग डायलॉग पर भी सवाल उठा रहे हैं. यूजर्स को प्रभास की एक्टिंग काफी पसंद आई.

आदिपुरुष फिल्म विवाद के बीच बनारस के लोगों की प्रतिक्रिया
आदिपुरुष फिल्म विवाद के बीच बनारस के लोगों की प्रतिक्रिया

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Published : Jun 17, 2023, 11:08 PM IST

आदिपुरुष फिल्म विवाद के बीच बनारस के लोगों की प्रतिक्रिया

वाराणसी: आदिपुरुष फिल्म को लेकर जितना इंतजार लोगों को था, फिल्म के आने के बाद इसका विरोध भी उससे कहीं ज्यादा होना शुरू हो गया है. फिल्म में दिखाए गए किरदार और बोले जा रहे डायलॉग से लेकर पुरातन रामायण से खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए हिंदूवादी संगठनों से लेकर संत समाज विरोध में खड़ा हो गया है. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों ने भी फिल्म पर अपनी प्रतिक्रिया और राय दी.

मदन कुमार का कहना है कि मूवी बच्चों के देखने लायक है और ठीक है. बच्चों को यह फिल्म ज्यादा समझ में आएगी. बड़े अगर देखेंगे तो उसमें उनको लॉजिक ढूंढने की जरूरत होगी. धर्म के बारे में वह अपने हिसाब से चीजों को एनालिसिस करेंगे, लेकिन बच्चे अगर देखते हैं तो कम से कम उन्हें धर्म के बारे में नए इंटरेस्ट के साथ चीजों को जानने का मौका मिलेगा. इसलिए बच्चों के लायक है. फिल्म अच्छी है. कॉमिक्स की तरह इस मूवी को तैयार किया गया है, मेरा मानना है कि अच्छी चीजों का लोग विरोध करते हैं और इसमें विरोध जैसी चीजें कुछ वाक्यों को लेकर हो सकती है, लेकिन पूरी फिल्म को लेकर नहीं हनुमान जी को लेकर कुछ डायलॉग इसमें ठीक नहीं है वह हमारे आस्था से खिलवाड़ है.

धीरेंद्र यादव का कहना है कि मैंने आदि पुरुष मूवी देखी है, लेकिन हमारे रामायण के ट्रेंड से बहुत हटकर यह मूवी बनाई गई है. बजरंगबली की तरफ से जो डायलॉग दिखाया गया है. वह वास्तविकता से परे है हमारे धर्म का यह सिंबल है हमें इस मूवी से बहुत उम्मीद थी, लेकिन वह उम्मीद पूरी होती नहीं दिखाई दे रही है. बजरंगबली के डायलॉग को इस तरह से प्रस्तुत नहीं करना चाहिए था प्रभास की एक्टिंग बहुत अच्छी है, लेकिन वह कॉमिक्स रोल में प्रस्तुत किया गया है.

अगर मुझे स्टार रेटिंग कहने को कहा जाए तो मैं इसे एक या दो स्टार ही दूंगा. वही विरोध को लेकर उनका कहना था कि विरोध उचित नहीं है जो डायरेक्टर इसे बनाया है. उसे कुछ समझकर बनाया है विरोध नहीं होना चाहिए. धर्म से हटकर यह फिल्म जरूर बनाई गई है लेकिन यह देखने के बाद डिसाइड करना चाहिए इसका विरोध होना चाहिए या नहीं लेकिन मेरे हिसाब से इसका विरोध नहीं होना चाहिए. इसमें कुछ चीजें बहुत अच्छी हैं और कुछ चीजें पूरी हैं.

दीप्ति सिंह का कहना है कि मुझे इस फिल्म में ड्रेसिंग सेंस ठीक नहीं लगा है. कुछ मॉडर्न ज्यादा बना दिया गया और डायलॉग कुछ एडिशनल जोड़ दिए गए हैं. विवाद ऐसी फिल्मों को लेकर होगा ही क्योंकि जब आस्था से खिलवाड़ करेंगे तो लोग आवाज उठाएंगे ही. मैं एग्री करती हूं कि यह विवाद सही है. अगर धर्म के नाम पर यह चीजें होंगी तो ऐसा नहीं होना चाहिए अगर इंटरटेनमेंट के लिए यह मूवी देखनी है तो ठीक है. धर्म संस्कार लेकर लोग चल रहे हैं युवा आज अपने धर्म के प्रति सजग हो गया. इसलिए विरोध सही है. मेरा मानना है कि जो सीता का रोल दिखाया गया वह काफी मॉडर्न बना दिया गया, लेकिन लोग सीता माता को उसी रूप में देखना चाहते हैं. जो पुरानी रामायण में थे.

पूजा सिंह का कहना है कि मुझे 50-50 यह मूवी बहुत अच्छी भी लगी और नॉर्मल भी या विवादित इसलिए हो रही है, कि इसमें डायलॉग कुछ अलग कर दिए गए हैं. एंटरटेनमेंट को देखकर आज के परिपेक्ष्य हिसाब से या मूवी बनाई गई है. पुरानी चीजों के हिसाब से नहीं बल्कि मसाले ज्यादा डाल दिए गए हैं. जिसकी वजह से विवाद पैदा हुआ मूवी अच्छी है.

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