वाराणसी: भारत और चीन के बीच हुई झड़प में भारत के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए. भारत-चीन के सीमा विवाद को लेकर कई दिनों से हालात नाजुक बने हुए थे, लेकिन चीन ने पीठ पीछे से वार कर भारतीय जवानों पर हमला कर दिया. इसकी खबर मिलते ही पूरे भारत में चीन की इस नापाक हरकतों पर लोगों ने आक्रोश जताया. वहीं सभी शहरों में कहीं चीन के राष्ट्रपति के पुतले फूंके गए तो कहीं चीन के सामान का बहिष्कार किया गया.
इसी क्रम में अपनी गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल देने वाले काशी में लोगों ने चाइनीज सामानों का बहिष्कार करने के साथ ही चीन के राष्ट्रपति का पुतला दहन किया और जमकर विरोध किया. वहीं दूसरी ओर दशाश्वमेध गंगा घाट पर हिन्दू-मुस्लिम-सिख और ईसाई सभी धर्मों के लोगों ने शहीद हुए भारतीय जवानों की शहादत को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. सभी लोगों ने पूरे रीति-रिवाज से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए पूजन-अर्चन एवं मंत्र का उच्चारण करते हुए वीर सपूतों को नमन किया.
इस दौरान सभी लोगों ने एक स्वर में कहा कि चीन की इन हरकतों पर हम सभी एक साथ हैं. ऐसी कायराना हरकतों से वह हमें डरा नहीं सकता. चीन के पास अभी समय है कि इन हरकतों को छोड़ दे. ऐसी हरकतों से हम डरने वाले नहीं हैं. भारत भी युद्ध करना जानता है. अगर फिर भी चीन कोई ऐसी कायराना हरकत करता है तो हम सब एक साथ मिलकर मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं.
वहीं संदीप केसरी ने बताया कि हम सभी धर्म के लोग यहां इकट्ठा हुए हैं. हम सब अपने पड़ोसी दुश्मन देश चीन को यह बताना चाहते हैं कि पूरे भारत में सभी धर्मों के लोग एक हैं और जरूरत पड़ने पर पूरा देश एक साथ खड़ा होकर उनसे मुकाबला करने से भी पीछे नहीं हटेगा. चीन ने जो नापाक हरकत की है, वह बेहद शर्मनाक है. उसकी इस कायराना हरकत ने हमारे 20 जवानों को हमसे छीन लिया. अगर चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आया तो हम भी उससे युद्ध करने से पीछे नहीं हटेंगे.
उन्होंने कहा कि भारत शांति चाहता है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह डरा हुआ है. हम भारत सरकार से यह मांग करते हैं कि जिस तरीके से पाकिस्तान में उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक कर दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे. ठीक उसी तरीके से चीन में भी सर्जिकल स्ट्राइक कर उनको उनकी असली जगह दिखा दे. साथ ही मैं सभी से यह अपील करता हूं कि हम सभी चाइनीज वस्तुओं का पूर्ण रूप से बहिष्कार कर दें, क्योंकि हम चीन के सबसे बड़े बाजार हैं. यदि हम उसके सामानों को खरीदना बंद कर देंगे तो खुद-ब-खुद चीन होश में आ जाएगा.