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भाजपा विधायक से नाराज हैं इस विधानसभा के बाशिंदें, लगाया अनदेखी का आरोप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कैंटोंमेंट विधानसभा (Cantonment Assembly) अंतर्गत पड़ने वाले बजड़िहा क्षेत्र के लोगों की समस्याओं पर पिछले 5 सालों से किसी ने ध्यान ही नहीं दिया. यही कारण है कि यहां के बाशिंदें अपने वर्तमान विधायक से नाराज हैं. सुनिए ग्राउंड रिपोर्ट...

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में बदहाल की तस्वीर
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में बदहाल की तस्वीर

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Published : Sep 18, 2021, 12:52 PM IST

Updated : Sep 18, 2021, 4:46 PM IST

वाराणसी:सूबे में विधानसभा चुनाव (up assembly election) को फिलहाल सालभर का वक्त है, लेकिन अभी से सभी सियासी पार्टियां अपनी जमीनी तैयारियों में जुट गई हैं. एक ओर सूबे की सत्ताधारी पार्टी भाजपा (bjp) व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(CM Yogi Adityanath)की ओर से दावा किया जा रहा है कि उनकी सरकार ने विकास के मोर्चे पर एक समान रुख अख्तियार करते हुए सभी क्षेत्रों में विकास किया है तो दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां सरकार के दावों को निराधार करार दे रही हैं. ऐसे में जमीनी हकीकत को जानने को निकली ईटीवी भारत की टीम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कैंटोंमेंट विधानसभा के बजड़िहा क्षेत्र का दौरा किया. दरअसल, मुस्लिम बाहुल्य इस इलाके में करीब एक लाख से अधिक बुनकर परिवार रहते हैं और यहां के बाशिंदें पिछले 5 सालों से विकास की बाट जोह रहे हैं.

खैर, समस्याओं पर कोई प्रतिक्रिया दे तो ही समस्याएं समस्या के रूप में उजागर होंगी ऐसा नहीं है. हकीकत जानने को महज क्षेत्र का दौरा कर लीजिए, बहुत कुछ खुद-ब-खुद साफ हो जाएगा. जब ईटीवी भारत की टीम समस्या ग्रसित इस इलाके में पहुंची तो खराब सड़कें और गलियों में लगा सीवर का गंदा पानी खुद ही तथाकथित विकास के दृश्य को स्पष्ट करने को काफी था. यही नहीं, पानी लगने के कारण यहां की गलियों रोजाना झाडू नहीं लग पाता है, जिसकी वजह से यहां कूड़े का अंबार अब आम बात हो गई है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि डेंगू और मलेरिया के साथ ही यहां मौसमी बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. बावजूद इसके यहां साफ-सफाई को न तो कुछ किया गया है और न ही किसी प्रकार की मच्छर रहित दवा का छिड़काव हुआ है.

वाराणसी के कैंटोंमेंट विधानसभा की ग्राउंड रिपोर्ट.

स्थानीय बाशिंदों की मानें तो इलाके के सभासद उबैद रजा अंसारी भी उनकी नहीं सुनते हैं और उनकी गलियों में आने तक की जहमत नहीं उठाते हैं. इसके इतर जब हम उनसे अपनी समस्याओं के बाबत मुलाकात को जाते हैं तो वे हमसे मुलाकात भी नहीं करते हैं. यही कारण है कि आज भी हमारी समस्या जस की तस बनी हुई है और फिलहाल इससे इजात मिलना मुश्किल ही जान पड़ता है. कुछ अन्य लोगों ने कहा कि गलियों में सभासद के न आने के कारण उन्हें समस्या के बारे में कुछ पता ही नहीं चलता. खैर, यहां सीवर की समस्या पिछले चार सालों बनी हुई है. इसके अलावा बारिश के दौरान इलाके में जलजमाव की समस्या भी चरम पर रहती है. वहीं, स्थानीय विधायक सौरभ श्रीवास्तव से भी लोग खासा नाराज हैं और उनका आरोप है कि चुनाव जीतने के बाद कभी भी विधायक ने यहां का दौरा नहीं किया.

गलियों में जलजमाव से बढ़ी लोगों की समस्या

सभी ने कांटी समस्याओं से कन्नी

इलाके के रहवासी अब्दुल्ला शाहिद ने बताया कि पिछले चार सालों से सीवर की समस्याओं से स्थानीय नेता, विधायकों को अवगत कराने के कई प्रयास किए गए पर किसी ने उनकी एक नहीं सुनी. यही वजह है कि आज भी उनकी समस्या तस की तस बनी हुई है. लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि यह इलाका देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है. चुनाव जीतने के बाद तमाम दावें व वादे किए गए. यहां तक कि क्योटो के तर्ज पर क्षेत्र विकास की बातें कहीं गई. क्या यही क्योटो है. यहां हमेशा पानी लगा रहता है. छोटे बच्चे इसी पानी से होकर गुजरते हैं. पूरे शहर में इस समय डेंगू और मलेरिया फैला है. ऐसे में न तो हमारी समस्याओं को सुनने को यहां पार्षद आते हैं और न ही विधायक. लगभग दो दशक से भारतीय जनता पार्टी का ही इस सीट पर कब्जा रहा है. बावजूद इसके यह क्षेत्र व इलाका अब भी समस्याओं से बाहर नहीं निकल पाया है.

गलियों में जलजमाव से बढ़ी लोगों की समस्या

भुखमरी के कगार पर बुनकर

स्थानीय बाशिंदें परवेज बताते हैं कि कोरोना के दौरान जारी लॉकडाउन में हमारे सामने भुखमरी की स्थिति थी. वहीं, जब बाजार चालू हुआ तो किसी तरह से मेहनत मजदूरी कर अपना परिवार पाल रहे थे, लेकिन हैंडलूम कारखाने में पानी भरने से एक बार फिर रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है. हम लोग रोज कमाने और खाने वाले हैं. एक अन्य शख्स रमजान ने बताया कि पानी के न निकलने के कारण करीब 4 से 5 हजार लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसी पानी से रोज गुजरना पड़ता है. थोड़ी बारिश हो जाती है तो यह पानी और बढ़ जाता है. स्थानीय निवासी मोहम्मद हाशिम की मानें तो आए दिन सड़क पर पानी लगा रहता है. इसकी लिखित शिकायत नगर आयुक्त से भी की गई तो उन्होंने दूसरे अधिकारी के पास भेज दिया. उनके पास गए तो उन्होंने ठेकेदार के पास भेज दिया. जब हम ठेकेदार के पास जाते हैं तो उसका कहना है कि यह क्षेत्र मेरे एरिया में नहीं आता है. यह समस्या करीब चार-पांच साल से है, जिससे लगभग 5000 परिवार जुड़ा हुआ है. विधायक तो हमारी सुनते भी नहीं. यहां तक कि यह इलाका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है और मोदी जी विकास की बात करते हैं, लेकिन यहां केवल एक तबका का विकास होता है. हम अल्पसंख्यकों के काम खाली नहीं होते.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी कैंट विधानसभा सीट डेमोग्राफिक रिपोर्ट: 20 सालों से बीजेपी का कब्जा, कायस्थों का दबदबा

ईटीवी भारत ने आपको वाराणसी के कैंट विधानसभा क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं और खोखले विकास के दावों से अवगत करते हुए, स्थानीय लोगों की जुबानी ही उनकी समस्याओं को उठाने का प्रयास किया है. साथ ही वर्तमान में इस क्षेत्र की स्थिति पर गौर करें तो पाएंगे कि लोगबाग भाजपा विधायक सौरभ श्रीवास्तव से खासा नाराज हैं. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा के लिए चुनौतियां बढ़ती नजर आ रही हैं.

Last Updated : Sep 18, 2021, 4:46 PM IST

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