वाराणसी: कथक सम्राट पद्म विभूषण बिरजू महाराज की अस्थियां शनिवार को वैदिक रीति से पूजन के बाद गंगा के मध्य धाराओं में विसर्जित कर दी गई. इससे पहले अस्थि कलश के अंतिम दर्शन के लिए कबीरचौरा और सिगरा के कस्तूरबा नगर कॉलोनी (Kasturba Nagar Colony) स्थित नटराज संगीत अकादमी परिसर (Natraj Sangeet Academy Complex) में रखा गया. काशी के कलाकारों और पंडित बिरजू महाराज के प्रशंसकों ने पुष्पांजलि और श्रद्धांजलि अर्पित की. बाद में अस्थि कलश को अस्सी घाट लाया गया.
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अस्थि कलश विसर्जन यात्रा में पंडित बिरजू महाराज के बड़े पुत्र पंडित जय किशन महाराज और शिष्या शाश्वती सेन के अलावा परिवार के अन्य लोग भी अस्थि विसर्जन के समय मौजूद रहे. बिरजू महाराज को श्रद्धांजलि और नमन करने का अनूठा अंदाज में उनके शिष्यों और उनके चाहने वालों ने दी. कलश के आस-पास उनके शिष्यों ने इकट्ठा होकर कथक की थाप संग और सत्कार संग हाथों की थाप से अपने गुरु को पुष्पांजलि अर्पित की.
बता दें कि, पिछले दिनों 17 जनवरी को पंडित बिरजू महाराज का दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था. एक दिन पहले उनकी अस्थियों को लखनऊ स्थित गोमती नदी में प्रवाहित किया गया था और आज उनका परिवार अस्थि कलश लेकर वाराणसी पहुंचे थे, जहां विधि विधान के बाद उनकी अस्थियों का विसर्जन गंगा में की गयी.
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