वाराणसी:आज से पूरे देश में गणेश उत्सव (Ganesh Chaturthi) का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. देश के तमाम राज्यों में भगवान गणेश प्रतिमाएं (ganesh statue) स्थापित कर भक्त उत्सव मना रहे हैं. भगवान गणेश (Lord Ganesha) आदि देवता हैं और इन्हें विवेक, शक्ति और तर्क का देवता माना जाता है. लिहाजा, अब महाराष्ट्र के अलावा देश के अन्य राज्यों में भी भक्त बप्पा को अपने घरों और पांडालों में विराजित कर आशीर्वाद ले रहे हैं. वहीं, भगवान शिव की नगरी काशी में भी गणेश जन्मोत्सव की धूम है. वैसे तो काशी के विभिन्न मंदिरों में भगवान गजानन की विधि विधान से श्रंगार किया गया है, लेकिन यहां हैदराबाद (Hyderbad) से काशी (Kashi) पहुंची गजानन की मूर्ति लोगों में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. इस मूर्ति की खास बात ये है कि इसे पंचधातु से बनाया गया है.
जिले के मानसरोवर स्थित श्रीराम तारक आंध्रा आश्रम में गणेश महोत्सव का आज शुभारंभ हुआ. आश्रम के प्रांगण में विशेष रूप से भगवान गणेश की पंच धातु की मूर्ति स्थापित की गई. उनके साथ रिद्धि सिद्धि की प्रतिमा भी बैठाई गई है. हैदराबाद से आई यह मूर्ति विशेष आकर्षण का केंद्र बनी है. लोग दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आश्रम प्रांगण में आ रहे हैं. आयोजन कर्ता विवि सुंदर शास्त्री ने बताया कि हम लोग पिछले 35 वर्ष से गणेश महोत्सव मना रहे हैं. अभी तक मिट्टी की मूर्ति लाकर उत्सव मनाते थे. लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से सरकार ने गंगा नदी (River Ganga) में मूर्ति विसर्जन को लेकर प्रतिबंध लगा दिया. इसलिए मूर्ति का विसर्जन शंकु धारा पोखरे में करना पड़ता था. यहां का पोखर बेहद गंदा था. गजानन की मूर्ति को गंदे पानी में विसर्जित करते समय बहुत तकलीफ होती थी. लिहाजा, इस बार पंचधातु की मूर्ति मंगाई गई है. यहां, पूरे 9 दिनों तक विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान किए जाएंगे और प्रत्येक दिन अलग-अलग व्यंजनों का बाबा को भोग लगाया जाएगा.
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