वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद आज एक तरफ जहां जनता कर्फ्यू सफल रहा, वहीं उसके बाद शाम 5 बजे 5 मिनट के लिए पूरे देश ने अपने घर के बाहर, बालकनी और खिड़कियों में आकर उन लोगों का अभिवादन और उत्साहवर्धन किया, जो इस महामारी को खत्म करने के लिए लगातार देश की सेवा और लोगों के स्वास्थ्य की चिंता में काम कर रहे हैं.
प्रशासनिक अधिकारी, डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी, मीडिया कर्मियों के लिए हर कोई आगे आया. इन सबके बीच काशी से अद्भुत तस्वीर सामने आई जहां पद्मश्री पंडित राजेश्वर आचार्य जो कि देश के जाने-माने जलतरंग वादक हैं, उन्होंने अपने ही अंदाज में जलतरंग बजाकर देश के रखवालों को धन्यवाद दिया.
जलतरंग बजाकर देश के रखवालों को धन्यवाद दिया. डॉ. राजेश्वर आचार्य ने बजाया जलतरंग
प्रधानमंत्री की अपील के बाद जब लोग शाम 5 बजे घन्टी, थाली बजाने में जुटे थे, तब पद्मश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य ने जलतरंग बजा के कोरोना से लड़ने वालों का आभार व्यक्त किया. राग हंसध्वनि में तीनताल में निबद्ध गत की अवतारणा समर्पित करते हुए उन सभी वीर कर्म योद्धाजन को धन्यवाद किया जो चिकित्सा, पत्रकारिता, स्वच्छता, सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं में निरंतर मानवता के सच्चे सेवक के रूप में निर्भीक होकर लगे हैं.
जलतरंग वादन के माध्यम से ताली, थाली एवं जलतरंग प्याली से अपनी सेवा समर्पित करके मैंने देश के सेवकों को नमन किया. सबसे बड़ी बात यह थी कि सम्पूर्ण कृतज्ञता ज्ञापन वादन की विशेषता रही पं. नंदकिशोर मिश्र का चार किलोमीटर दूर से मात्र मोबाइल फोन के माध्यम से जुड़ कर उत्कृष्ट तबला संगति देना. दोनों कलाकार जलतरंग एवं तबला के साथ स्वयं दूर होकर भी मात्र मोबाइल के माध्यम से मोबाइल पर ही जलतरंग और तबला संगत का अद्भुत सहयोग बनाते हुए इस अनूठे अंदाज में धन्यवाद ज्ञापित किया.
- पद्मश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य, जलतरंग वादक