वाराणसी: मरीजों को हो रही समस्याओं को दूर करने के बाबत जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग अलग-अलग प्रयास कर रहा है. ऑक्सीजन सिलेंडरों की समस्या को दूर करने के लिए अहमदाबाद से नए खाली ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाए गए हैं. वहीं दूसरी ओर अस्पतालों में हो रही कोविड मरीजों की परेशानी को देखते हुए हेल्पडेस्क की स्थापना की जा रही है. इससे मरीजों को सही गाइडलाइन की जानकारी दी जा सके. इसके साथ ही प्रशासन द्वारा समय-समय पर कुछ उपचार की गाइडलाइन भी जारी की जा रही है. इसके प्रयोग से लोग घर में ही इस बीमारी से निजात पा सकते हैं.
वाराणसी में कोरोना संक्रमण गुजरात से आ रहे खाली सिलेंडर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि जिले में 4000 सिलेंडर भरने की क्षमता हो गई है, लेकिन खाली सिलेंडरों की किल्लत बनी हुई है. इसको देखते हुए 600 सिलेंडर अहमदाबाद से मंगवाए गए हैं. इसके लिए कंपनियों को भुगतान भी कर दिया गया है. उम्मीद है कि 2 दिनों में नए सिलेंडरों की आपूर्ति हो जाएगी. इससे मरीजों की समस्या का समाधान होगा. संक्रमण काल में इस्तेमाल होने के बाद इन सिलेंडरों को सरकारी अस्पताल में दे दिया जाएगा. इससे भविष्य में यदि कोई विपदा आती है, तो ऐसी परिस्थिति में इनका प्रयोग किया जाएगा.
अस्पतालों में खुलेगा कोविड हेल्प डेस्क
कोविड मरीजों को तत्काल राहत दिलाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने जिले के कई महत्वपूर्ण अस्पतालों में शीघ्र ही कोविड हेल्पडेस्क स्थापित करने का निर्देश दिया है, जिससे कि मरीजों की समस्या का समाधान किया जा सके. इसके पहले प्रशासन ने 43 अस्पतालों की निगरानी के लिए अफसरों की तैनाती की है, जिससे मरीज दर-दर न भटके.
जिलाधिकारी ने बताया कि मरीजों को तत्काल सही जानकारी देने व राहत पहुंचाने के उद्देश्य से इस डेस्क की स्थापना की जा रही है, जहां उपलब्ध टीम मरीजों को गाइडलाइन के तहत जानकारी देगी.
पारंपरिक उपचार को अपनाने की सलाह
गुरुवार को जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बीएचयू व कैंसर अस्पताल का निरीक्षण कर वहां के प्रभारियों से बातचीत की. मरीजों को उपचार के तरीके भी बताए. इस दौरान डॉक्टरों की टीम ने लोगों से ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए अपनी भारतीय पद्धति को अपनाने को कहा.
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डॉक्टर ने कहा कि पेट के बल सोना, मरीज के कमरे को प्राकृतिक हवा देने के लिए थोड़ा खुला रखना, प्राणायाम करना, श्वास नली साफ रखने के लिए भाप लेना इत्यादि बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि प्राथमिक घरेलू उपचार व सही दवा की शुरुआत से इस बीमारी से होने वाली तकलीफ को कम किया जा सकता है.