वाराणसी: शारदीय नवरात्र का पर्व 17 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. वहीं इस बार शारदीय नवरात्र में पंडाल व मूर्ति स्थापना को लेकर चल रहे संशय पर शासन ने विराम लगा दिया है. अब शासन ने पंडाल व मूर्ति स्थापना की अनुमति दे दी है. धर्म नगरी काशी में शारदीय नवरात्र बंगाल की तर्ज पर बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इसी कारण दुर्गा पंडाल स्थापना के मामले में काशी को मिनी बंगाल भी कहा जाता है, लेकिन प्रशासन से पंडाल और मूर्ति स्थापना की अनुमति मिलने के बाद आयोजकों के सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई है.
मूर्ति स्थापना के लिए आयोजकों को नहीं मिल रहीं प्रतिमाएं. बता दें कि गणेश चतुर्थी और अन्य त्योहारों में शासन और प्रशासन की तरफ से पंडाल व मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं मिली थी. इससे मूर्ति कारीगरों द्वारा बनाई गईं गणपति की मूर्तियां बिक नहीं पाईं. इसके चलते अब कारीगरों मे नवरात्रि के लिए भी बहुत कम मूर्तियों का निर्माण किया है. ऐसे में लोगों को मां दुर्गा की मूर्तियां नहीं मिल रही हैं. लोगों का कहना है कि जिस भी कारीगर के पास जाते हैं, उसके पास प्रतिमाएं उपलब्ध नहीं है. साथ ही कहना है कि जो हैं भी, वे पहले से ही बुक हो चुकी हैं. ऐसे में हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
नहीं मिल रहीं मां दुर्गा की प्रतिमाएं
केंद्रीय पूजा समिति काशी के अध्यक्ष तिलक राज मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि शासन और प्रशासन ने पहले पंडाल व मूर्ति स्थापना की परमिशन नहीं दी थी. जब इस बाबत हम लोगों ने शासन और प्रशासन से बात की और कहा कि दुर्गा पूजा शक्ति की आराधना है, जो कि देश की समृद्धि और महामारी से लड़ाई के लिए होता है. इसलिए हम लोगों को पंडाल का मूर्ति स्थापना की अनुमति दी जाए. इस पर हमें पंडाल व मूर्ति स्थापना की अनुमति तो मिल गई, लेकिन अब हमें मां दुर्गा की प्रतिमा नहीं मिल रही है.
तिलक राज ने बताया कि पंडाल व मूर्ति बनाने में कम से कम 3 महीने का समय लगता है, लेकिन इस बार समय न होने के कारण समस्या हो रही है. मूर्तिकारों के पास प्रतिमाएं उपलब्ध नहीं है. मूर्तिकारों का कहना है कि समय बहुत कम है और एक प्रतिमा बनाने के लिए कम से कम दस दिन का समय लगता है.
मां दुर्गा की तस्वीर लगाकर कलश की स्थापना करेंगे श्रद्धालु
अखिल भारतीय दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष आशुतोष गुप्ता ने कहा कि पिछले दिनों प्रशासन ने हमें पंडाल व मूर्ति स्थापना की अनुमति दे दी है, लेकिन इतने कम समय में अब हम लोगों को मूर्ति मिलने में समस्या खड़ी हो रही है. उनका कहना है कि अगर मूर्ति नहीं मिलती है तो हम मां दुर्गा की तस्वीर लगाकर कलश की स्थापना करेंगे.
इस डर से मूर्तिकारों ने नहीं बनाईं प्रतिमाएं
मूर्तिकार इंद्र कुमार ने बताया कि शासन-प्रशासन की ओर से अनुमति न मिलने की वजह से हमने प्रतिमाएं नहीं बनाईं, क्योंकि हमें इस बात का डर था कि अगर अनुमति आगे भी नहीं मिलती है तो हम इन मूर्तियों का क्या करेंगे.