वाराणसी: जिले में सुबह-ए-बनारस की तरफ से अस्सी घाट पर संध्या गंगा आरती प्रारंभ की गई है. इसको लेकर जय मां गंगा सेवा समिति के लोगों ने नाराजगी जताई है. बसंत पंचमी से यह आरती प्रारंभ हुई है. इसको लेकर कल भी विवाद हुआ था. विरोध करने वालों का तर्क है कि सुबह-ए- बनारस सुबह के समय गंगा आरती करती ही है, तो शाम को आरती करने का कोई औचित्य नहीं है. शाम को घाट पर पहले से ही आरती हो रही है.
अस्सी घाट पर संध्या आरती शुरू करने का हो रहा विरोध, जानें कारण - जय मां गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष बलराम मिश्र
वाराणसी के अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस की तरफ से शाम को शुरू होने वाली गंगा आरती का लोगों ने विरोध किया है. विरोध करने वालों का तर्क है कि सुबह-ए- बनारस सुबह तो गंगा आरती करता ही है. तो शाम को आरती करने का कोई औचित्य नहीं है.
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अधिकारियों से मिलने की बात कहकर विरोध किया समाप्त
सुबह-ए-बनारस अस्सी घाट पर सुबह की आरती करती हैं. बसंत पंचमी से शाम की आरती भी इन्होंने प्रारंभ कर दी है. इसे लेकर जय मां गंगा सेवा समिति के लोगों में आक्रोश है. उनका कहना है कि यहां पर पहले से ही आरती होती है, दूसरी आरती क्यों हो रही है. विरोध की सूचना मिलते ही पुलिस पहुंच गई. उन्होंने विरोध कर रहे लोगों को समझा-बुझाकर शान्त कराया. इस बाबत उच्च अधिकारियों से मिलने की बात कह कर समिति के लोगों ने विरोध प्रदर्शन समाप्त किया.
नई परंपरा शुरू करना सही नहीं
जय मां गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष बलराम मिश्र ने बताया कि हम लोग यहां पर आरती कर रहे हैं. मांग है कि सुबह-ए-बनारस यहां पर गंगा आरती न करें. इस संबंध में दो बार जिलाधिकारी से मिलने का प्रयास किया, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी. इसीलिए यहां पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया है. सुबह-ए-बनारस के लोग संध्या का कार्यक्रम कर सकते हैं, लेकिन आरती की नई परंपरा शुरू करना सही नहीं है.