वराणसी: सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर सोमवार को वाराणसी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने विवादित बयान दे डाला. कहा कि पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव तय करें वह क्षत्रिय गोल में आते हैं या फिर शूद्र ? इसके साथ ही उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य पर जमकर हमला बोला. कहा, जब वह चार बार बीएसपी की सत्ता में मंत्री थे, तब न तो महिलाओं का अपमान समझ में आया और न ही पिछड़े दलितों का. जब बीएसपी की सत्ता जाते इन्होंने देखा तो राम की शरण में चले गए. उस दौरान इसी रामचरितमानस पर फूल माला चढ़ाया. इतना ही नहीं माला चढ़ाकर बेटी को सांसद बना लिया और खुद मंत्री बन गए. लेकिन पार्टी बदलते ही उन्होंने इस तरह का बयान दिया, जो कि काफी आश्चर्यजनक है. इसको एक दिमाग की दीवालियापन कहते हैं.
सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि पूरे संविधान में एक शब्द भी शूद्र नहीं लिखा है. स्वामी प्रसाद मौर्य एमएलसी बने तब संविधान की शपथ ली. संविधान के दायरे में रहकर काम करेंगे. लेकिन संविधान तो इस बात की इजाजत नहीं देता की किसी धर्म और मजहब के बारे में आप बोले. इसका मतलब की आप संविधान को नहीं मानते.