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सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर बोले- एनडीए का फैसला होगा तो बृजेश सिंह को पार्टी सिंबल पर लड़ाएंगे चुनाव - बृजेश सिंह अखिलेश यादव

सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar Varanasi) शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बातचीत की. सपा मुखिया अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 24, 2023, 7:40 PM IST

वाराणसी :सर्किट हाउस पहुंचे सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने गाजीपुर से बृजेश सिंह को चुनाव लड़ाने की बात पर कहा कि एनडीए के मालिक भारतीय जनता पार्टी के लोग हैं. वहां जो भी निर्णय होगा उसे मानना हमारा काम है. सुभासपा चीफ ने कई मुद्दों पर मीडिया से बातचीत की.

लोग स्वीकार करें तो हमें कोई दिक्कत नहीं :पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह को अपनी पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ाएंगे के जवाब में ओपी राजभर ने कहा कि अगर एनडीए के प्रत्याशी के रूप में लोग उन्हें स्वीकार करेंगे तो हमें कोई दिक्कत नहीं है. अगर वो चाहे तो हमारे सिंबल पर चुनाव लड़ सकते हैं. लोकसभा का चुनाव बड़ा चुनाव होता है. अगर एनडीए का फैसला होता है तो बृजेश सिंह हमारे सिंबल से बिल्कुल चुनाव लड़ सकते हैं.

जिसकी संपत्ति आय से अधिक वहां जाती है ईडी की टीम :नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी के छापेमारी को लेकर ओपी राजभर ने कहा कि ईडी व सीबीआई एक स्वतंत्र संस्था है. जब कांग्रेस की सरकार थी तो वह ईडी व सीबीआई को काम नहीं करने देते थे. अब एनडीए की सरकार में वह स्वतंत्र होकर काम कर रहे हैं. जो गिरफ्तारी हुई है और जो माल बरामद हुआ है, कहीं न कहीं वे आय से अधिक संपत्ति हैं. ओपी राजभर ने तंज कसते हुए कहा कि ईडी क्यों नहीं गणेश चौहान के यहां आ जाती. किसी गरीब के यहां आपने कभी ईडी व सीबीआई को जाते सुना है. जिसकी संपत्ति आय से अधिक होगी, उन्हीं के यहां ये संस्थाएं जाती हैं.

पूर्वांचल को अलग राज्य बनाना पार्टी का मुद्दा :पूर्वांचल को अलग राज्य बनाने के खुद की मांग के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह हमारी पार्टी का मुद्दा है. इसके लिए जब एनडीए की बैठक होगी तो हम इस बात को रखेंगे. हम लोगों का नारा 'छोटा प्रदेश सुखी परिवार' यह बुलंद रहेगा. वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव को लेकर ओपी राजभर ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में उनका कोई दांव नहीं काम आने वाला है. जब उनकी सत्ता थी तो उन्हें सामाजिक न्याय की बात याद नहीं आई है. इनकी सत्ता थी तो उस समय वे सत्ता के मद में पागल थे. उस समय उन्हें न जातिगत जनगणना याद आई और न ही सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने की. पावर तो प्रदेश की जनता ने चार बार सामजवादी पार्टी को दिया. चार बार में पहल करने के लिए किसी ने उन्हें रोका तो नहीं न, उन्हें करना चाहिए था.

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