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दादी तो आ गईं अब पोतों का है इंतजार, खाली पड़ा है पीएम के सपनों का घर

वाराणसी में लगभग 1800 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गये दादी पोता 'थीम पार्क'(dadi pota theme park) में दो महीने बीतने के बाद अब मात्र 7 दादियों को शिफ्ट किया गया. अब थीम पोतों का है इंतजार है.

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दादी-पोता थीम पार्क

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Published : Sep 28, 2022, 9:01 PM IST

वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 जुलाई 2022 को दुर्गाकुंड स्थित राजकीय वृद्धाश्रम(government old age home) में दादी-पोता थीम पार्क तैयार पार्क में अनाथालय और वृद्धाश्रम(orphanages and old age homes) दोनों का एकसाथ उद्घाटन किया था. अनाथालय में बच्चों को दादी-नानी के प्यार के साथ उनके शिक्षा की भी व्यवस्था की जानी थी, लेकिन दो महीने से ज्यादा बीत चुके हैं, अब जाकर मात्र 7 दादियों को यहां लाया गया है. पूरी व्यवस्था चालू नहीं हुई है.

प्रधानमंत्री ने जब इस दादी पोता थीम पार्क(dadi pota theme park) का उद्घाटन किया तब से लगभग तीन महीने हो चुके हैं. अब तक इस पर ताला जड़ा रहा. अब 6 दिन पहले ही यहां पर दादियों विभाग द्वारा शिफ्ट किया गया है, लेकिन पोते कहां हैं अभी इसकी जानकारी नहीं है. अधिकारियों के मुताबिक इसकी जानकारी सीडब्लूसी के पास है. हालांकि दादियों को शिफ्ट करने का काम भी तब हुआ जब ईटीवी ने इस बात को तेजी से उठाया और प्रशासन से सवाल किए.

दादी-पोता थीम पार्क

6 दिन पहले ही दादियों को किया शिफ्ट
इस पूरे मामले में थीम पार्क के अधीक्षक देवशरण सिंह ने बताया कि विद्युत व्यवस्था न होने के कारण अभी तक यहां पर वृद्ध माताओं के शिफ्ट नहीं किया गया था. 6 दिन पहले ही इन्हें यहां पर शिफ्ट किया गया है. बच्चों को दादी-पोता थीम पार्क में न लाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बच्चों को भेजने का कार्य CWC का है. उनके पास दादियों के शिफ्ट करने का आदेश निदेशालय से आया था.

बिजली की व्यवस्था न होने के कारण हुई देर
अधीक्षक देवशरण सिंह ने बताया कि 'जहां तक वृद्ध माताओं को भेजने का सवाल है, जब मेरे पास निदेशालय का आदेश आया है, उसके बाद दादियों को नए भवन में शिफ्ट कराया गया है. बिजली की व्यवस्था न होने के कारण ही इतनी देर हुई. अभी तक पुराने भवन से बिजली ली जा रही है. नया कनेक्शन देने के लिए बिजली विभाग से कहा गया, लेकिन उनकी तरफ से अनसुना किया जा रहा था. हालांकि अब वो काम तेजी से हो रहा है.'

दादियों को है पोतों के आने का इंतजार
वहीं, दादियां तो थीम पार्क में आ गई हैं. अब उन्हें पोतों के आने का इंतजार है. उनके मन की बात जानने के लिए ईटीवी की टीम ने दादियों से भी बातचीत की. मीनाक्षी दादी ने बताया कि 'मैं दुर्गाकुंड वृद्धाश्रम में रह रही हूं. मुझे यहां बहुत अच्छा लग रहा है. बच्चों के साथ खेलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं दिव्यांग हूं. उन्हें उठा तो सकती नहीं हूं. हां, अगर पोते आते हैं तो मैं उन्हें पढ़ाऊंगी. टीवी देखने में मन लगेगा. बच्चे दादी-नानी जो भी बोलेंगे, उन्हें मैं पढ़ाऊंगी. मुझे अच्छा लगेगा.'

थीम पार्क के उद्घाटन के समय क्या थी तैयारी?
बताया गया कि यहां पर बच्चों के लिए झूले, पालने के अलावा आरामदायक कुर्सियां होंगी. अपनों से अलग रह रहीं बुजुर्ग महिलाओं को भी अकेलापन नहीं सता सकेगा. यहां पर बच्चे उनके साथ खेल सकेंगे. यहां एलईडी टीवी भी लगेगी, जिस पर मनोरंजक चैनलों का एक साथ आनंद उठा सकेंगे. 2.04 करोड़ रुपये की लागत से तैयार पार्क में वृद्धाश्रम में 50 महिलाओें के साथ शून्य से 5 साल तक के 50 बच्चे रहेंगे. अभी तक 7 माताओं को ही शिफ्ट किया गया है.

थीम पार्क में की गई हैं ये व्यवस्थाएं
इस थीम पार्क में अनाथ बच्चों, वृद्ध, विधवा, बेसहारा महिलाओं को रहने का स्थान मिलेगा. दो मंजिला बिल्डिंग में खोले गए दुर्गाकुंड वृद्धाश्रम का नाम दादी पोता 'थीम पार्क' रखा गया है. बिल्डिंग में खाने-पीने के इंतजाम के साथ ही लिफ्ट और अन्य आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं. इसमें शिक्षा और ज्ञान के लिए लाइब्रेरी भी बनाई गई है. बिल्डिंग में 2 बड़े-बड़े हॉल हैं, जो वृद्ध महिलाओं के पूजा-पाठ और बच्चों के खेलने कूदने के लिए बनाए गए हैं.

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