वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के नर्सिंग स्टाफ ने कार्य बहिष्कार पांचवा दिन भी जारी रखा. प्रदर्शन कर रहे नर्सिंग स्टाफ अब गांधीगिरी पर उतर आए हैं. मंगलवार को सभी ने कैंडल मार्च निकाला तो बुधवार को सद्बुद्धि के लिए हवन-पूजन किया. सभी नर्सिंग स्टाफ ने मिलकर भगवान से प्रार्थना किया, कि कुलपति और विश्वविद्यालय प्रशासन को भगवान सद्बुद्धि दें, ताकि हम लोगों को न्याय मिल सके. वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ पूरे विधि-विधान से हवन और पूजन किया गया.
नर्सिंग स्टाफ राजेन्द्र प्रसाद का कहना था कि अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्रालय, राज्य स्वास्थ्य विभाग, बीएचयू कुलपति, डारेक्टर सहित कई केबिनेट मंत्री को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. 2 मिनट के लिए भी कुलपति महोदय हम लोगों से नहीं मिल रहे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन को भगवान सद्बुद्धि दें, इसके लिए यह हवन और पूजन किया गया. स्टाफों की ओर से सभी जरूरी सेवाएं की जा रही हैं, ताकि मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े.
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नर्सिंग स्टाफ तत्काल एमएस को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. लगभग 200 से अधिक की संख्या में कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन और एमएस के खिलाफ नारेबाजी भी की थी. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने आरोप लगाया था कि नर्सिंग स्टाफ को सबके सामने पीटा गया है. यही नहीं, एमएस पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वे आए दिन स्टाफ से बदतमीजी करते हैं और धमकियां भी देते हैं.
हालांकि, इस पूरे मामले पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने सीसीटीवी फुटेज जारी किया है, जिसमें कहीं भी चिकित्सा अधीक्षक स्टाफ को मारते हुए नजर नहीं आ रहे हैं. कुछ दिन पहले चिकित्सा विज्ञान संस्थान (Institute of Medical Sciences) के डायरेक्टर ने पत्रिका नर्सिंग स्टाफ को काम पर लौटने के लिए निवेदन किया था.
बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल को पूर्वांचल का एम्स कहा जाता है. ऐसे में वैश्विक महामारी कोविड-19 को देखते हुए बीएचयू के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में L1 और L2 के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है. बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और नेपाल तक के मरीज यहां पर नॉर्मल ओपीडी में आते हैं. एक दिन में लगभग 8,000 मरीज यहां पर डॉक्टरों की परामर्श लेते हैं.
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