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काशी के इन विश्वविद्यालयों में साल दर साल बढ़ रही लड़कियों की संख्या

यूपी के वाराणसी को सर्व विद्या की राजधानी कहा जाता है. यहां की यूनिवर्सिटीज में छात्राओं की बढ़ रही संख्या अच्छे संकेत दे रही है कि अब लड़कियां किसी भी मायने में लड़कों से कम नहीं हैं. इसकी बड़ी वजह यूनिवर्सिटी में छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं के साथ सुरक्षा भी है.

काशी विद्यापीठ
काशी विद्यापीठ

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Published : Apr 11, 2021, 5:00 PM IST

Updated : Apr 11, 2021, 6:06 PM IST

वाराणसी: शिक्षा हर किसी के लिए बेहद जरूरी है चाहे वह लड़का हो या लड़की. शिक्षित होना सभी के लिए अनिवार्य है. यह सभी का उनके अधिकार हैं और इससे उन्हें कोई भी वंचित नहीं कर सकता. यही वजह है कि सरकारें भी लड़के और लड़कियां दोनों को शिक्षित करने के लिए लगातार लोगों को जागरुक करती रही हैं. इसी जागरूकता का असर पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र और सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले वाराणसी में देखने को भी मिल रहा है. यहां की यूनिवर्सिटीज में छात्राओं की बढ़ रही संख्या यह अच्छे संकेत दे रही है कि अब लड़कियां लड़कों से किसी मायने में कम नहीं हैं. वाराणसी में मौजूद दो यूनिवर्सिटी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और डॉक्टर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में लड़कियों की संख्या साल दर ऊपर की तरफ जा रही है, जो यह साफ कर रही है कि ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और उच्च शिक्षा हासिल करने के मामले में लड़कियां लड़कों से पीछे नहीं हैं.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बढ़ रही लड़कियों की संख्या.

2016 के मुकाबले बढ़ी है संख्या
वाराणसी को सर्व विद्या की राजधानी इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर कई यूनिवर्सिटी मौजूद हैं. इनमें महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय एक अलग स्थान रखता है. महात्मा गांधी के द्वारा स्थापित की गई इस विद्यापीठ की स्थापना का उद्देश्य ही सर्वजन को शिक्षा उपलब्ध कराना था. सभी को समान शिक्षा का अधिकार मिले इस उद्देश्य से बापू ने इस यूनिवर्सिटी की नींव रखी थी और अब यह सपना पूरा होता दिख रहा है. आंकड़े बताते हैं कि वाराणसी में संचालित होने वाली इस यूनिवर्सिटी में छात्रों की तुलना में छात्राओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है. यदि आंकड़ों पर ही गौर करें तो 2015-16 में जहां 5229 स्टूडेंट्स के एडमिशन में 2917 छात्र और 2292 छात्राएं शामिल थीं, तो वहीं 2020-21 में यह आंकड़ा बढ़कर छात्राओं के मामले में 2739 पर पहुंच गया है, जो यह साबित करता है कि साल दर साल छात्रों की संख्या में वृद्धि हो रही है. इसकी बड़ी वजह यूनिवर्सिटी में छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं के साथ सुरक्षा भी है.

काशी विद्यापीठ में छात्र-छात्राओं के आंकड़े.

गर्ल्स हॉस्टल की भी सुविधा
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में वर्तमान समय में एक गर्ल्स हॉस्टल संचालित होता है. जिसमें बाहर से आने वाली छात्राएं रहती हैं. यहां एक वार्डन के साथ मुख्य द्वार के अलावा अंदर भी सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. सिक्योरिटी यहां पर 24 घंटे सातों दिन तैनात रहती है. कैंपस के अंदर ही मौजूद छात्रावास में लड़कियों को मेस की सुविधा, इंटरनेट और वाईफाई जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती हैं.

संस्कृत पढ़ने में भी लड़कियां आगे
संस्कृत शिक्षा के लिए पूरे विश्व में एक अलग पहचान बना चुकी यूनिवर्सिटी संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में भी छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ है. यहां के भी आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं कि छात्राएं अब हिंदी-इंग्लिश और अन्य भाषाओं के साथ संस्कृत पढ़ने में भी रुचि दिखा रही हैं. 2015-16 में यूनिवर्सिटी में 309 छात्रों का एडमिशन हुआ था, जबकि 2016-17 में यहां संख्या 436 हो गई थी. हालांकि इस बार 2019-20 में कोविड-19 की वजह से इन आंकड़ों में थोड़ी कमी जरूर आई है, लेकिन यूनिवर्सिटी का कहना है कि छात्राओं की संख्या धीरे-धीरे ही सही लेकिन पहले के मुकाबले बढ़ी है. यहां भी यूनिवर्सिटी की तरफ से गर्ल्स हॉस्टल की सुविधा मौजूद है. कैंपस में अपनी सिक्योरिटी के साथ यूपी पुलिस की मौजूदगी भी रहती है, ताकि गर्ल्स को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े. फिलहाल उच्च शिक्षा ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के मामले में यूनिवर्सिटी में छात्रों की बढ़ रही संख्या अच्छे संकेत दे रही है.

संम्पूर्णानंद यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं के आंकड़े.
Last Updated : Apr 11, 2021, 6:06 PM IST

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