वाराणसी:काशी हिंदू विश्वविद्यालय में रविवार को छात्रवृत्ति को लेकर के विद्यार्थियों का गुस्सा फूट पड़ा. एनएसयूआई के बैनर तले वाराणसी के अलग-अलग विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के छात्रों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही छात्रों ने सरकार के ऊपर छात्रवृत्ति में घोटाले करने का भी आरोप लगाया.
छात्रवृत्ति को लेकर विरोध करते छात्र एनएसयूआई के बैनर तले छात्रों ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सिंह द्वार पर हाथों में बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में इलाहाबाद विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ,संपूर्णानंद अन्य विश्वविद्यालयों के विद्यार्थि शामिल थे प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने योगी मोदी होश में आओ,छात्र उत्पीड़न बंद करो, घोटालेबाजी बंद करो आदि नारे लगा रहे थे. छात्रवृत्ति को लेकर एनएसयूआई का विरोध प्रदर्शन एनएसयूआई का आरोप, छात्रवृति में 76 करोड़ का घोटाला: विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कहा कि, केंद्र व राज्य सरकार छात्र विरोधी मोदी ने छात्रों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है. एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष हरिकेश सैनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि, सरकार ने 76 हजार करोड़ का घोटाला छात्रवृत्ति में किया है. गांवों में जाकर लगभग 300 फर्जी खाते खुलवाकर छात्रों का उत्पीड़न किया गया. हम छात्र पहले से ही महंगाई बेरोजगारी के साथ फीस वृद्धि के दंश को झेल रहे है. दुख इस बात का है कि फीस वृद्धि के बाद विश्वविद्यालय में छात्रों के लिए कोई मूलभूत सुविधा नहीं है और अब हमसे छात्रवृत्ति का भी अधिकार छीना जा रहा है. इसलिए हम सभी छात्र आज यहाँ लामबंद होकर के विरोध कर रहे हैं. छात्रवृत्ति को लेकर एनएसयूआई ने खोला मोर्चा 4 साल से नहीं मिली छात्रवृति: उन्होंने कहा कि, कोरोना काल से 1 साल पहले से छात्रवृत्ति देना बंद हो चुका है. लगातार चार साल से छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली. बड़ी बात यह है कि जिसको मिली उसको कम कर के दिया गया. जहां 6000 मिलता था पहले, वहां अब ढाई हजार कर दिया गया है. लेकिन, हमारी जो फीस 14 सौ रुपए थी, आज वह 5000 हो गई है.हम विद्यार्थी क्या करेंगे, कहां जाएंगे. हमें कोई सुविधा नहीं मिल रही है. यदि ऐसे ही फीस बढ़ती रही,छात्रवृति कटती रही तो हम बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे.