वाराणसी: गंगा घाटों पर बिना अनुमति के अक्सर कई सांस्कृतिक धार्मिक और अन्य तरह के कार्यक्रम लोग कर लेते हैं. जिसे लेकर वाराणसी नगर निगम अब सख्त हो चुका है. वाराणसी नगर निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि गंगा घाटों पर होने वाले किसी भी आयोजन के लिए बिना अनुमति कोई भी कार्यक्रम करने पर अब कार्रवाई होगी.
मेयर अशोक कुमार तिवारी ने मंगलवार को हुई निगम कार्यकारिणी की बैठक में सीमा विस्तारित क्षेत्रों में सरकारी जमीनों, तालाबों, कुण्डों के चिह्नांकन के बारे में जानकारी ली. अपर नगर आयुक्त राजीव कुमार राय ने बताया कि सीमा विस्तारित क्षेत्रों में भूमियों के चिह्नांकन का काम किया जा रहा है. अभी तक 212 भूमियों का चिह्नांकन कर लिया गया है, जिसमें गढ़ही, तालाब, बंजर एवं सरकारी जमीन हैं.
अपर नगर आयुक्त ने बताया कि लेखपालों की कमी के कारण कार्य तेज गति से नहीं हो पा रहा है. जिला प्रशासन से अतिरिक्त लेखपालों की मांग की गई है. लेखपालों के आते ही कार्य तेज गति से कराकर पूर्ण कर लिया जाएगा. महापौर ने कहा कि अभियान चलाकर आगामी एक माह में प्रत्येक दशा में कार्य पूर्ण कराएं. साथ ही भूमियों का चिह्नांकन कर उसका डिमार्केशन करते हुए बोर्ड लगा दिया जाए.
कार्यकारिणी सदस्य मदन मोहन दूबे ने प्रस्ताव उठाया कि म्यूटेशन में जोन स्तर से विलम्ब किया जाता है. भवन स्वामियों को अनावश्यक दौड़ाया जाता है, जबकि जनहित गारंटी के अन्तर्गत म्यूटेशन का कार्य 45 दिन में पूर्ण होना चाहिए. इस संबंध में महापौर ने नगर आयुक्त अक्षत वर्मा को निर्देशित किया कि 45 दिवस में म्यूटेशन पूर्ण कराएं. साथ ही विलम्बित पत्रावलियों का निस्तारण कराएं. प्रत्येक माह की गई म्यूटेशन की प्रगति से अवगत भी कराएं.
मुख्य अभियन्ता मोइनुद्दीन ने बताया कि कई कार्य प्रारम्भ हो गए हैं तथा कुछ निविदा की कार्रवाई में है. कार्यकारिणी की बैठक में सदस्य अक्षयवर सिंह ने नगर के विभिन्न क्षेत्रों में सीवर जाम व दूषित पेयजल की आपूर्ति की मुद्दा उठाया गया, जिस पर महापौर ने महाप्रबन्धक, जलकल श्री विजय नारायण मौर्य को निर्देशित किया गया कि विधानसभावार सभी पार्षदों के साथ बैठक कर उनके क्षेत्र की समस्याओं को नोट करें.
कार्यकारिणी की बैठक में निर्णय लिया गया कि गंगा नदी के घाटों पर आए दिन विभिन्न संस्थाओं एवं व्यक्तियों के द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, परन्तु उनके द्वारा नगर निगम से अनुमति प्राप्त नहीं की जाती है. घाटों के सम्बन्ध में उपविधि तैयार किये जाने के लिए महापौर ने निर्देशित किया है, उक्त के साथ ही भवनों के म्यूटेशन की उपविधि भी तैयार किये जाने हेतु निर्देशित किया गया.
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