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अब एक क्लिक पर बनारस के जीआई उत्पादों का मिलेगा ब्यौरा, जानें कैसे

सही और प्रमाणित जीआई उत्पाद लोगों तक पहुंचाने के लिए स्कैनर की सुविधा लागू की जा रही है.इस सुविधा के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति किसी भी जीआई प्रोडक्ट को स्कैन करके उसकी सीधी जानकारी हासिल कर सकता है.

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Published : Jun 21, 2023, 5:24 PM IST

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जीआई प्रोडक्ट पर क्यूआर कोड

अब एक क्लिक से जाने बनारस के जीआई उत्पादों का ब्यौरा

वाराणसी: जीआई उत्पादों को लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से जल्द ही स्कैनर की सुविधा लागू की जाएगी. इसके तहत कोई भी ग्राहक स्कैनर के जरिए उत्पादों की जानकारी हासिल कर सकेगा. इससे न सिर्फ उत्पाद और ग्राहक के बीच बिचौलियों की समाप्ति होगी, बल्कि शुद्ध सामान भी लोगों तक पहुंचेगा. इसके लिए क्यूआर कोड तैयार करने का प्लान है.

जीआई प्रोडक्ट पर क्यूआर कोड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार जीआई उत्पादों के प्रमोशन और उनके प्रसार के लिए मंत्रालयों को निर्देश देते रहते हैं. इसके साथ ही कई तरह के आयोजनों के माध्यम से इन उत्पादों को लोगों तक पहुंचाने के प्रयास भी केंद्र सरकार द्वारा किए जाते रहे हैं. ऐसे में लोकल उत्पाद जोकि किसी शहर के सबसे लोकप्रिय हैं. उन्हें बाहर जाने का मौका मिलता है. ऐसे में जीआई उत्पादों को और बेहतर ढंग से लोगों के बीच लाने के लिए उनपर क्यूआर कोड लाने की व्यवस्था की जा रही है. जिससे कि उत्पादों की विश्वसनीयता बढ़ाई जा सके.क्यूआर कोड से मिलेगा उत्पाद का जीआई सर्टिफिकेट:जीआई एक्सपर्ट डाक्टर रजनीकांत ने बताया कि जीआई उत्पाद का मतलब जियोदग्राफिकल इंडीकेशन उत्पाद. इसका मतलब है कि वह ओरिजन की गारण्टी देता है. उत्पाद के यूनीकनेस, स्पेसिफिकेशन, डिस्क्रिप्शन और उसके विशेषताओं की गारण्टी देता है. सबसे बड़ी गारण्टी होती है, सोर्स ऑफ ओरिजिन. यानी कि यह उत्पाद कहां का बना हुआ है. जीआई टैग के ऊपर जब क्यूआर कोड लग जाएगा. तब कोई उपभोक्ता स्कैन करेगा तो उसमें जीआई टैग का सर्टिफिकेट आएगा. प्रमाणित यूजर का प्रमाण पत्र आ जाएगा. उत्पादकों का 30 सेकेंड का वीडियो: उन्होंने बताया कि इससे बुनकर, शिल्पकार, किसान का पूरा डिटेल क्यूआर कोड से मिल जाएगा. उत्पाद बनाने वाला कौन है इसकी भी जानकारी मिल जाएगी. यहां तक कि वह उत्पाद किस मोहल्ले में बन रहा है. इसकी भी जानकारी मिल जाएगी. इसमें 30 सेकेंड का एक वीडियो भी होगा, जिसमें उत्पादक अपने उत्पाद के बारे में बताएगा. इससे उपभोक्ता को उसका विश्वास हो जाएगा कि उत्पाद सही और ऑथेंटिक है. इसके साथ ही उत्पाद के गुणवत्ता की भी गारण्टी मिलेगी. देशभर में 465 उत्पाद जीआई में शामिल: जीआई एक्सपर्ट ने बताया कि क्यूआर कोड से फायदा होगा कि आने वाले दिनों में उपभोक्ता को सही उत्पाद मिलेगा. दुनिया के बाजार में जीआई के उत्पाद क्यूआर कोड के साथ जाएंगे. बनाने वाले को भी पता चलेगा कि हमारे बनाए हुए उत्पाद दुनिया के किन घरों तक पहुंच रहे हैं. क्यूआर कोड के लिए डीपीआईटी प्रयास कर रही है. नाबार्ड और एमएसएमई भी लगी हुई है. हाल ही में हैंडीक्राफ्ट के डिपार्टमेंट ने भी यह प्रयास किया है. लगभग 465 के आस-पास जीआई उत्पाद भारत में हो चुके हैं.ग्रेटर नोएडा में बड़े पैमाने पर आयोजित होगा जीआई इवेंट: जीआई विशेषज्ञ पद्मश्री डा.रजनीकांतने बताया कि जुलाई में ग्रेटर नोएडा में नेशनल जीआई का इवेंट एक्सपो मार्ट में होना है. इसमें भारत सरकार की तरफ से तैयारी कराई जा रही है. इस मौके पर काफी उत्पादों पर हमें क्यूआर कोड देखने को मिलेगा. वाराणसी सहित देश के सभी जीआई उत्पाद ग्रेटर नोएडा के मार्ट में 20 से 24 तारीख तक राष्ट्रीय स्तर के एक्सक्लूजिव जीआई एक्सपो में देखने को मिलेंगे. यह देश में पहली बार होने जा रहा है. यह पहली बार होगा कि इतने बड़े पैमाने पर जीआई उत्पाद उपभोक्ताओं के लिए रखे जाएंगे. बायर सेलर मीट भी यहां होगी.यह भी पढ़ें: GI प्रोडक्ट को विश्व स्तर पर पहचान देने के लिए बनेगा रॉ-मैटेरियल बैंक

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