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महंगी बनारसी सिल्क की साड़ी अब हो जाएगी सस्ती, व्यापारियों और बुनकरों को भी होगा फायदा - बनारसी साड़ी के दाम

कीमत ज्यादा होने के बाद भी बनारसी सिल्क की साड़ियों की डिमांड में कोई कमी नहीं होती है. लेकिन, कुछ महिलाएं कीमत ज्यादा होने के कारण सिल्क की साड़ी नहीं पहन पाती हैं. ऐसी महिलाओं के लिए ये खबर खुशखबरी लेकर आई है. आईए जानते हैं कैसे सस्ती हो जाएगी सिल्क की साड़ी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 18, 2023, 5:58 PM IST

बनारसी सिल्क की साड़ी पर संवाददाता प्रतिमा तिवारी की खास रिपोर्ट

वाराणसी: बनारसी साड़ी की कीमत बेहद ज्यादा होती है. यही वजह है कि हर कोई सहजता के साथ इसे नहीं खरीद पाता. लेकिन, अब हर कोई बनारसी साड़ी को खरीद सकेगा. क्योंकि, उसकी कीमत कम हो जाएगी. बनारसी साड़ी की लागत कम करने से लेकर सस्ते में सिल्क व कच्चा माल बुनकरों को उपलब्ध कराने के लिए खादी विभाग ने नया प्लान तैयार किया है. इसके तहत अब वाराणसी में सिल्क प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाएगी, जो बुनकरों के लिए कारगर साबित होगी.

कारखाने में बनारसी सिल्क की साड़ी तैयार करते बुनकर

सिल्क की साड़ियों की डिमांड और कीमत दोनों ही ज्यादाःवाराणसी में तैयार होने वाली बनारसी साड़ियों की कीमतें काफी ज्यादा होती हैं. हालांकि, इसके बाद भी इन साड़ियों की डिमांड हर जगह है. मगर, कुछ ऐसी महिलाएं हैं जो बनारसी साड़ियों को पहनना चाहती हैं, लेकिन उनके अधिक दाम के चलते नहीं खरीद सकती हैं. ऐसे में खादी विभाग का दावा है कि वाराणसी में सिल्क प्रोसेसिंग यूनिट लगाए जाने से इससे न सिर्फ कीमतों में कमी आएगी. बल्कि इसका सीधा असर बनारसी साड़ियों की लागत पर पड़ेगा और कीमत कम होगी. इससे लोगों की जेब पर भी कम असर पड़ेगा.

बनारसी सिल्क की साड़ी

वाराणसी में लगेगी सिल्क प्रोसेसिंग यूनिटः खादी विभाग के निदेशक एसएन खंडेलवाल ने बताया कि वाराणसी में सिल्क की साड़ी की बहुत अधिक उपलब्धता है. यहां सिल्क साड़ी को पसंद करने वाले भी बहुत से लोग हैं. वाराणसी में इसको तैयार भी किया जाता है. वाराणसी के जो व्यापारी हैं उन्हें अपना सिल्क कर्नाटक या पश्चिम बंगाल से लेकर आना पड़ता है. उतनी दूर से लेकर आने में लागत भी अधिक आती है. वाराणसी में कुकून की उपलब्धता है, लेकिन यहां कुकून की हीलिंग नहीं होती है. आयोग ने यह देखा कि रॉ-मेटेरियल यहां पर है. फिनिस्ड प्रोडक्ट यहां पर हैं तो क्यों न सिल्क तैयार करने की यूनिट यहां पर लगाई जाए.

बनारसी सिल्क की साड़ी

सिल्क प्रोसेसिंग यूनिट से व्यापारियों को होगी आसानीःउन्होंने बताया कि आयोग का प्लान है अगर यूनिट वाराणसी में लगती है तो सिल्क तैयार करने के लिए व्यापारियों को आसानी होगी. उन्हें यहीं पर ही सिल्क यान मिल सकेगा. आने-जाने का खर्च भी बचाया जा सकेगा. आयोग ने अपने मेगा प्लान में यह घोषणा की है कि यहां पर दो यूनिट सिल्क रीलिंग की लगाई जाए. एक रीलिंग यूनिट पहले ही पास कर दी गई है. इसे हम सेवापुरी में लगाने वाले हैं. दूसरी यूनिट भी हम वाराणसी में ही लगाएंगे, जिससे साड़ी तैयार करने वालों को यान मिल सके.

जैसे वाराणसी का गंगा घाट फेमस है वैसे ही बनारसी सिल्क साड़ी भी लोकप्रिय है

क्यों महंगी हो गई सिल्क की साड़ीःबनारसी साड़ी की कीमतों में पिछले कुछ महीनों में काफी बढ़ोतरी देखी गई है. इसका बुरा असर वाराणसी के वस्त्र उद्योग पर भी पड़ा है. बनारसी साड़ियां महंगी हो गई हैं. इसके महंगे होने की मुख्य वजह इसे तैयार करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला रेशम है. बीते 6 माह के आंकड़ों को देखें तो रेशम 800 से 1000 रुपए किलो महंगा हो गया है. बनारसी साड़ी में इस्तेमाल किए जाने वाला रेशम सबसे अधिक वियतनाम और चीन से आता है. वियतनाम से आने वाले रेशम पर ज्यादा टैक्स लगने की वजह से बनारसी साड़ी की कीमत में बढ़ोतरी हुई है.

10 हजार की साड़ी 14 हजार में हुईः बनारसी वस्त्र उद्योग एसोसिएशन का कहना है कि कच्चा माल तैयार करने की चीजें महंगी हो गई हैं. रेशम पहले चीन से आता था. अब वहां से रेशम आना बहुत कम हो गया है. अब वियतनाम से रेशम लेना पड़ रहा है. वियतनाम का रेशम हमारे लिए बहुत ही महंगा पड़ रहा है, जो रेशम आज से एक महीने पहले 4200 रुपये किलो था. वही अब 5200 रुपये किलो का है. जो साड़ी 10,000 की मिल जाती थी, वो 14,000 रुपये की मिल रही है. रेशम के साथ-साथ जो मजदूरी थी, वह भी बढ़ गई है.

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