वाराणसी में गांव पर्यटन के बारे में बताते पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत वाराणसी: काशी नगरी में टूरिज्म अब सिर्फ मंदिरों और घाटों तक ही सीमित नहीं रहेगा. अब इसका विस्तार करते हुए गांवों तक ले जाया जा रहा है. वाराणसी में गांव टूरिज्म स्पॉट बनेंगे और लोगों को वहां पर घूमने का मौका मिलेगा. इसके लिए पर्यटन विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है. सबसे खास बात ये है कि पहली बार पर्यटन विभाग गांव को पर्यटन स्पॉट के रूप में डेवलप कर रहा है. विभाग उन गांवों के हैरिटेज को संवारकर लोगों के सामने रखेगा. इसके लिए बकायदा 10 गांवों का चयन किया गया है, जहां पर विकास कार्य किए जाएंगे और पर्यटन स्पॉट तैयार किया जाएगा. इन गांवों का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा.
वाराणसी में गांव पर्यटन पर पहली बार हो रहा काम उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार वाराणसी में टूरिज्म को बढ़ावा देने पर लगातार जोर दे रही है. यही वजह है कि वाराणसी में रोजाना लाखों पर्यटक यहां पर आ रहे हैं. इतना ही नहीं पर्यटन से वाराणसी में कारोबार में भी इजाफा हुआ है और पुराने अलग-थलग पड़े हैरिटेज लोगों के सामने लाए गए हैं. मंदिरों का जीर्णोद्धार हो या घाटों को नया रूप देना हो, हर तरीके से सरकार पर्यटकों को लुभाने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में पर्यटन विभाग अब गांवों को टूरिस्ट स्पॉट बनाने की तैयारी कर रहा है. विभाग उन गांवों का चुनाव कर रहा है जहां पर कुछ विशेष हैरिटेज या कला का केंद्र हो. उन गांवों में आधारभूत चीजों का विकास और निर्माण कर पर्यटन का केंद्र बनाया जाएगा.
वाराणसी के अस्सी घाट का भी सौंदर्यीकरण किया गया है. विरासत या विशेष कला वाले गांवों का चयनः पर्यटन उप निदेशक आरके रावत ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया, 'पर्यटन की दृष्टि से ऐसा गांव जहां पर हैरिटेज (विरासत) है या उस गांव में कोई हैंडीक्राफ्ट है या कोई कला है. ऐसे गांवों का चयन करते हुए उन गांवों में आधारभूत इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया जाएगा. इसके साथ ही इन गांव का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा. इससे टूरिस्ट को वहां तक पहुंचाया जा सकेगा. यह विलेज टूरिज्म के अंतर्गत आएगा. बनारस में और इसके आस-पास के बहुत से ऐसे गांव हैं जहां पर बहुत ही बेहतरीन हैरिटेज हैं. उन गांवों को प्रशिक्षण के माध्यम से, विकास के माध्यम से विकसित करेंगे. इन गांवों तक पर्यटकों को ले जाने की व्यवस्था करेंगे.'
वाराणसी में 10 गांवों का किया गया चयनःआरके रावत बताते हैं, 'विलेज टूरिज्म के अंतर्गत बहुत से गांव चयनित हुए हैं. प्रदेश में इसके तहत कार्ययोजना बनाई जा रही है. मौजूदा समय में विलेज टूरिज्म पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है. हमने ऐसे गांव चयनित किए हैं जहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक किया जा रहा है और वहां पर कई योजनाओं को लागू किया जा रहा है. वाराणसी में ऐसे 10 गांव चयनित किए गए हैं, जिसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है. पहले चरण में चार या पांच गांव को डेवलप किया जाएगा. वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने के साथ ही उस गांव के लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.'
हैरिटेज विलेज को दी जा रही है प्राथमिकताः आरके रावत ने बताया, 'जिन गांवों का चयन किया जाएगा उनका प्रचार-प्रसार किया जाएगा. इसके साथ ही विभाग की वेबसाइट के माध्यम से लोगों को बताया जाएगा. इन गांवों में आधारभूत संरचनाएं जो अभी नहीं हैं उसको विकास योजनाओं के माध्यम से पूरा करेंगे. वाराणसी धार्मिक पर्यटन के रूप में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. यहां पर बहुत से पर्यटक आते हैं. यहां पर घाट और मंदिरों के साथ ही साथ हैरिटेज विलेज को भी प्राथमिकता दी जा रही है. ऐसे गांवों को हम जल्द से जल्द डेवलप करेंगे, जिसके बारे में लोगों को प्रचार के माध्यम से बताया जाएगा. साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप होगा.'
रोजाना वाराणसी आ रहे 3 लाख पर्यटकः वाराणसी देश का धार्मिक केंद्र है. ऐसे में यहां पर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद से लगातार पर्यटकों का आना बढ़ा है. वहीं सरकार वाराणसी में टूरिज्म के कई क्षेत्रों में काम कर रही है. पर्यटन विभाग के अनुसार प्रतिदिन वाराणसी आने वाले पर्यटकों की संख्या 2.5 लाख से 3 लाख पहुंच चुकी है. यह बीते सालों की तुलना में कहीं ज्यादा है. इसके साथ ही इस साल सावन के महीने में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए दूर दराज से श्रद्धालु पहुंचे थे. एक आंकडे़ के मुताबिक सावन में मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 1.6 करोड़ से अधिक थी. वहीं मंदिर प्रशासन के मुताबिक कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद अब तक 10 करोड़ पर्यटक यहां आ चुके हैं.
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