वाराणसी: राष्ट्रीय हिन्दू दल संगठन (Rashtriya Hindu Dal Sangathan) के अध्यक्ष रोशन पाण्डेय को वाराणसी पुलिस थाना लंका (Varanasi Police Station Lanka) ने 111 के अंतर्गत धारा 107/116 का नोटिस दिया है. यह नोटिस रोशन पांडेय को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में फैसला आने से पहले मंदिर में हवन पूजन करते हुए जीत का जश्न मनाया जाने को लेकर जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि आगामी ज्ञानवापी मामले में न्यायालय में विचारण के दौरान सोशल मीडिया और अन्य माध्यम से दुष्प्रचार कर सामाजिक सौहार्द्र भंग कर सकते हैं, जिससे किसी भी समय लोक परिशांती भंग हो सकती है, इसके लिए 1 वर्ष तक परिशांति बनाए रखने के लिए दो लाख का व्यक्तिगत बंधपत्र की दो प्रतिभूतियां न्यायालय में देने के लिए कहा गया.
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इस दौरान रोशन पाण्डेय ने कहा कि मंदिर में पूजा पाठ करना भी बहुत बड़ा कानूनन अपराध हो चुका है क्या? क्योंकि 12 सितंबर को ज्ञानवापी मामले में फैसला आने के एक दिन पहले शांतिपूर्ण तरीके से मंदिर में पूजा- पाठ किया था. इसमें कौन सा गुनाह कर दिया जबकि उन्होंने सोशल मीडिया टि्वटर, फेसबुक या अन्य कहीं भी कोई विवादित या भड़काऊ पोस्ट भी नहीं किया, जिससे समाज में शांति भंग हो फिर भी फर्जी आधार बनाकर कमजोर और तुच्छ मानकर दबाने का प्रयास किया जा रहा है.
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रोशन पाण्डेय ने कहा कि मैं ज्ञानवापी मामले में सुनवाई के दिन सुबह से शाम तक लंका थाने की कस्टडी में था. उस दिन मुझे अकेले पूजा पाठ भी नहीं करने दिया गया था. मैंने कोई भी भड़काऊ पोस्ट कहीं भी नहीं किया फिर भी दो लाख तक का जुर्माना भरने कोर्ट में खड़ा कर दिया गया. रोशन का कहना है कि वाराणसी में जगह -जगह जश्न मनाए गए, कहीं पटाखे फोड़े गए, कहीं मिठाई बांटे गए, कहीं ढोल नगाड़े बजाए गए, मैंने तो कुछ किया भी नहीं था, बहुत सारे काशी के लोग मंदिरों में भीड़ लेकर ज्ञानवापी के लिए पूजा, पाठ ,जप, अनुष्ठान कर रहे थे. अलग-अलग संगठनों ने बहुत जगह पर हवन का आयोजन किया, लेकिन किसी के साथ ऐसा वाराणसी पुलिस द्वारा नहीं किया गया जो आज मेरे साथ किया जा रहा है.