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Tanzil murder case: तंजील हत्याकांड के दोषी मुनीर की मौत, दर्ज थे 33 मुकदमे

तंजील हत्याकांड के दोषी मुनीर (Tanzil murder case convict Munir) की बीएचयू अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. डॉक्टरों का कहना है कि मुनीर का इम्यून सिस्टम खराब हो गया था, जिसके कारण उसकी मौत हो गई.

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मुनीर अहमद

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Published : Nov 21, 2022, 3:41 PM IST

वाराणसी:एनआईए डिप्टी एसपी तंजील अहमद (NIA officer tanzil ahmed) और उनकी पत्नी की फरजाना की हत्या में दोषी कुख्यात अपराधी मुनीर अहमद की सोमवार को वाराणसी के सर सुंदरलाल हॉस्पिटल में मौत हो गई. बिजनौर जिले के सहसपुर निवासी मुनीर को सोनभद्र जेल से बीती 19 नवंबर को लाकर सर सुंदरलाल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.

डॉक्टरों के अनुसार, कैदी मुनीर को यूरिन इंफेक्शन और ब्लड प्रेशर संबंधी समस्या के कारण सोनभद्र जेल से अस्पताल लाया गया था. उसका इम्यून सिस्टम खराब होने के कारण उसकी मौत हो गई है. पैनल से पोस्टमार्टम कराकर उसके परिजनों को सौंप दिया जाएगा. बता दें कि मुनीर के खिलाफ यूपी, दिल्ली समेत अन्य राज्यों में 33 मुकदमे दर्ज थे. वह एक अंतरराज्यीय अपराधी था.

2 अप्रैल 2016 में बिजनौर के स्योहारा थाना क्षेत्र के सहसपुर में शादी में शिरकत करने आए एनआईए के अफसर तंजील और उनकी पत्नी की कुख्यात बदमाश मुनीर और उसके साथी द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मुनीर को बिजनौर की गैंगस्टर कोर्ट ने 16 अप्रैल 2022 को 10 वर्ष कारावास की सजा से सुनाई थी.

मुनीर पर दर्ज थे 33 मुकदमे

तंजील हत्याकांड (Tanzil murder case) के सजायाफ्ता कुख्यात गैंगस्टर मुनीर पर 33 मुकदमे दर्ज थे. अलीगढ़ विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान मुनीर पर 15 मुकदमे दर्ज हुए थे. तंजील हत्याकांड 2016 और अन्य मामलों में मुनीर पर बिजनौर जिले में 8 मुकदमे दर्ज हुए थे. दिल्ली और अन्य जगहों पर भी मुनीर के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे.

कोर्ट ने मुनीर को सुनाई थी फांसी की सजा

एनआईए डिप्टी एसपी और उनकी पत्नी की हत्या को पहले आतंकवादियों से जोड़ कर देखा जा रहा था. लेकिन जब मामले की जांच की गई तो पता लगा कि डिप्टी एसपी के पड़ोस में रहने वाले मुनीर और रिहान सहित अन्य लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया था. बिजनौर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. विजय कुमार की कोर्ट ने डिप्टी एसपी और उनकी पत्नी की हत्या में मुनीर और रिहान को फांसी की सजा सुनाई थी. दोनों पर कोर्ट ने एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. दोषियों के तीन अन्य साथी तंजीम, जैनी और रिजवान को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था.

बिजनौर की जिला एवं सत्र अदालत के सरकारी वकील के अनुसार 6 साल तक कोर्ट में चले इस मामले में 19 लोगों की गवाही हुई और 159 तारीखों के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था. फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद से मुनीर सोनभद्र की जिला जेल में सजा काट रहा था. 17 नवंबर की रात मुनीर की तबीयत खराब होने पर उसे सोनभद्र के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तबीयत में सुधार न होने पर 19 नवंबर को उसे पुलिस की निगरानी में बीएचयू रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है.

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