वाराणसी: सेवापुरी रोहनियां राजातालाब कस्बे में उस वक्त हड़कंप मच गया जब शीतला माता मंदिर पर कोई निर्दयी मां अपने नवजात शिशु को छोड़कर चली गई. बुधवार सुबह जब बच्चा के रोने की आवाज गूंजी तो सबका ध्यान मंदिर की चौखट पर गया. जहां नवजात शिशू किलकारियां मार कर रो रहा था. सूचना पर चाइल्ड केयर सेंटर ने शिशु का रेस्क्यू कर उसे अस्पताल भेज दिया, जहां वह अब स्वस्थ है.
बच्चे की आवाज सुन इकट्ठा हुए लोग
जानकारी के मुताबिक, राजतलाब रेलवे स्टेशन के सामने स्थित शीतला मंदिर के चौखट पर बुधवार को एक नवजात शिशु रोता मिला. बच्चे की रोने की आवाज सुनकर सभी लोग इकट्ठा हो गई. इसी दौरान स्थानीय राजभर की पत्नी ने चाइल्ड लाइन और पुलिस को बगैर सूचना दिए अपने पास रख लिया, और उसकी देखभाल करने लगी.
पुलिस ने रेस्क्यू कर केयर सेंटर भेजा
स्थानीय निवासी राजकुमार गुप्ता ने चाइल्ड लाइन और पुलिस को एक लावारिस शिशु के होने की सूचना दी. सूचना पर पुलिस और चाइल्ड लाइन की संयुक्त टीम ने बच्चे को संबंधित परिवार से मांगा लेकिन उन्होंने बच्चे को दने से इनकार कर दिया. हालांकि बुधवार देर रात 11 बजे पुलिस ने बच्चे का रेस्क्यू कर संरक्षण में ले लिया. स्वास्थ्य परीक्षण के बाद बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ है. उसे अब चाइल्ड केयर सेंटर के सुपुर्द कर दिया है.
'बच्चे को फेंकना हत्या के बराबर'
राजकुमार ने बताया कि चाइल्ड लाइन सिगरा और सरकारी अस्पतालों में बनाए गए पालना गृह में नवजात को छोड़ना कानूनी रूप से सही है. झाड़ियों या नाले में फेंकने की बजाय नवजात को जिला अस्पताल या चाइल्ड लाइन के पालना गृह में छोड़ देना चाहिए. उन्होंने कहा कि नवजात को फेंकना हत्या का प्रयास करना है.