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Navratri 2019 : इस बार हाथी पर सवार होकर भक्तों के द्वार आ रही हैं मां

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Published : Sep 29, 2019, 8:36 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 9:46 AM IST

शारदीय नवरात्रि की शुरूआत रविवार 29 सितंबर से हो गयी. शिव की नगरी काशी शक्ति की आराधना में लीन हो जाती है. नवरात्र में पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की जाती है.

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वाराणसी:देवी उपासना का पर्व नवरात्र रविवार से शुरू हो रहा है. 9 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में पहला दिन विशेष महत्व रखता है क्योंकि सही समय में देवी की कलश स्थापना, देवी का आगमन किन परिस्थितियों में हो रहा है, इन चीजों से पूरे साल का निर्धारण होता है.

हाथी पर सवार होकर आएगी मां.

देव लोक से गज पर होगा आगमन

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक नवरात्रि के मौके पर मां दुर्गा का आगमन देव लोक से धरती लोक पर इस बार गज यानी हाथी पर हो रहा है, जो शुभ संकेत है. देवी के आगमन से धरती पर बारिश की अच्छी मौजूदगी से किसानों को फायदा होगा, लेकिन 9 दिनों तक सेवा भाव करवाने के बाद देवी का गमन यानी उनका जाना पैदल हो रहा है तो शुभ संकेत नहीं है. जिससे देश में धन हानि की संभावना प्रबल है.

ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी कहते हैं कि नवरात्रि 3 तरह की होती हैं. एक गुप्त नवरात्रि, दूसरी शांति नवरात्रि, तीसरी शारदीय नवरात्रि. गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना के लिए गोपनीय तरीके से की जाने वाली नवरात्रि है, जबकि वो शांति नवरात्रि गर्मी के महीने में पड़ने वाली व शारदीय नवरात्र बारिश के मौसम के खत्म होने के बाद शरद ऋतु के आगमन का संकेत देने वाली होती है. इन तीनों नवरात्रि में देवी की आराधना उसी श्रद्धा भाव से की जाती है.

कलश स्थापना का उपयुक्त समय

इस बार भद्रा का ना होना कलश स्थापना के लिए उपयुक्त समय माना जा रहा है, लेकिन कलश स्थापना के लिए सबसे उत्तम समय सुबह 6:00 से 8:00 के बीच का है. पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि सुबह स्नान ध्यान करने के बाद मिट्टी को मंदिर के आसपास जहां कलश स्थापना करना हो, वहां बिछाकर उसमें जौ फैला दें. इसके बाद आम के पत्तों को एक तांबे, मिट्टी या पीतल के कलश में जल भरकर उसके ऊपर नारियल रखकर देवी का आह्नवान करें.

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते।।

इन मंत्रों से देवी का ध्यान लगाकर उनको कलश पर रखे. फिर कलश के नारियल पर चुन्नी डालकर का पूजा-पाठ शुरू करें. पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि देवी को अति प्रिय नारियल की मिठाईयां है. इसके अलावा लौंग भी देवी को अति प्रिय है. इसका भोग भी उनको लगाना चाहिए. अड़हुल का लाल फूल देवी को चढ़ाया जाना चाहिए और कपूर की आरती नित्य प्रतिदिन करनी चाहिए. 9 दिनों तक इन सारी चीजों का ध्यान रखकर देवी के आराधना में लीन रहेने से देवी की विशेष कृपा मिलेगी.

Last Updated : Sep 29, 2019, 9:46 AM IST

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