वाराणसी:धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के नौ रूपों के दर्शन का विधान है. ऐसे में काशी में मां के विभिन्न स्वरूपों का प्राचीन मंदिर स्थापित है. शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन सोमवार को मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन पूजन का महत्व है. काशी के बालाजी घाट पर मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर स्थित है. सूर्योदय से पहले ही लोग लाइन में खड़े होकर मां के दर्शन के लिए इंतजार करते नजर आए. यहां मंगला आरती के बाद भक्तों ने मां का दर्शन पूजन किया.
Navratri 2023: काशी में मां ब्रह्मचारिणी देवी के दर्शन से मिलती है नवग्रहों दोष से मुक्ति - ब्रह्मचारिणी देवी का मंदिर
नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा की दूसरी शक्ति मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) की पूजा अर्चना की जाती है. मां की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख शांति बनी रहती है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Oct 16, 2023, 1:22 PM IST
मां के दर्शन से मिलती है परब्रह्म की प्राप्ति
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यन्त भव्य है. मां के दाहिने हाथ में जप की माला एवं बायें हाथ में कमंडल रहता है. जो देवी मां के इस रूप की आराधना करता है, उसे साक्षात परब्रह्म की प्राप्ति होती है. मां के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं को यश और कीर्ति प्राप्त होती है.
मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन से होता है मनोकामना की पूर्ति
यहां ना सिर्फ काशी बल्कि अन्य जिलों से भी लोग दर्शन एवं पूजन के लिए आते हैं. नवरात्रि पर तो इस मंदिर में लाखों भक्त मां के दर्शन करने के लिए आते हैं. ऐसी मान्यता है कि मां के इस रूप का दर्शन करने वालों को संतान सुख मिलता है. साथ ही वो भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं.
कुंडली में नवग्रह दोष से मिलती है मुक्ति
महंत राजेश्वर सागरकर ने बताया कि काशी में ब्रह्मचारिणी देवी का मंदिर स्थापित है. सोमवार को शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां के दर्शन पूजन का बहुत महत्व है. उन्होंने कहा कि मनुष्य की कुंडली में सूर्य आदि नवग्रह होते हैं. कोई भी ग्रह अगर खराब है या उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा है. वह सीधे मां भगवती के दरबार पहुंच जाए. यहां मंत्र का जाप करने से उसके सारे ग्रह शांत हो जाएंगे. इसके साथ ही भक्त को मां भगवती की कृपा भी प्राप्त होगी.
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