वाराणसी : हिंदू पंचांग में नवरात्रि के साथ ही नव संवत्सर की शुरुआत भी होती है. अनादि काल से नवरात्रि के प्रथम दिन को ही हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ माना जाता है. बीएचयू ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनय कुमार पांडेय के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को ही पहली बार सूर्य का उदय हुआ था. इस बार नव संवत्सर की शुरुआत 13 अप्रैल से होने जा रही है. इस बार नव संवत्सर 2078 है.
हर नव संवत्सर का एक नाम और ग्रहों का एक मंत्रिमंडल होता है. जिसके राजा और मंत्री से ही पूरे वर्ष के शुभ व अशुभ घटनाओं के बारे में गणना के बाद भविष्यवाणी की जाती है. नव संवत्सर 2078 का नाम आनंद संवत्सर होगा. इस नव संवत्सर का राजा और मंत्री दोनों ही मंगल होंगे. जिसके बहुत से फायदे और नुकसान होंगे.
कई ग्रह संभालेंगे अलग जिम्मेदारी, होगा फायदा और नुकसान
डॉ विनय के मुताबिक इस बार मंगल का राजा व मंत्री दोनों होना अच्छा संकेत दे रहा है. ज्योतिष में मंगल काफी सख्त ग्रह माना जाता है. उसे लाल रंग बेहद पसंद है. ग्रहों के सेनापति के रूप में स्थापित मंगल ग्रह दुश्मनों का नाश करने के लिए अति उत्तम ग्रह है. जब उसके हाथ में सत्ता होगी और मंत्रिमंडल भी होगा तो बुरे लोगों के लिए यह बुरा वक्त होगा और अच्छे के लिए अच्छा रहेगा. कृषि संबंधित कार्यों में अगस्त से लाभ होगा हालांकि अभी परेशानी होगी. वही ग्रहों के नए मंत्रिमंडल में सेनापति चंद्र होंगे, जिसकी वजह से बॉर्डर पर कभी परेशानी खत्म होगी तो कभी बढ़ेगी. वही सीमा पार के कई देशों से व्यापार भी शुरू होगा, लेकिन तनाव भी बरकरार रहेगा.
बृहस्पति होंगे वित्त मंत्री, नहीं बढ़ेगी सैलरी
इस बार वित्त मंत्रालय बृहस्पति के पास होगा. बृहस्पति की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. इसलिए सितंबर तक स्थितियां बहुत अच्छी नहीं होंगी. लोगों की सैलरी बहुत अच्छी नहीं होगी. व्यापार भी सामान्य होगा, लेकिन सितंबर के बाद आर्थिक स्थिति में तेजी से बदलाव आएगा. लोगों की तरक्की शुरू होगी और सरकारी नीतियों के अच्छे परिणाम दिखेंगे लेकिन सरकार के कुछ कठिन फैसले भी होंगे. जिसके लिए जनता को तैयार होना होगा. इसके अलावा अगस्त तक धर्म के नाम पर तनाव भी होगा . सितंबर से नवंबर के बीच में स्थितियां फिर से बिगड़ेगी, लेकिन नवंबर के बाद स्थितियां सुधर जाएंगी.
समय से होगी वर्षा, कई जगहों पर दिखेगा बाढ़ का असर
नवसंवत्सर 2078 वर्षा की दृष्टि से बहुत अच्छा होगा. अपने निर्धारित वक्त जून में ही बारिश शुरु हो जाएगी. अतिवृष्टि होगी और बाढ़ के हालात बनेंगे. बादल फटने के भी हालात बनेंगे. बुध के हाथ में कृषि मंत्रालय होगा, जिसकी वजह से कृषि अच्छी होगी. हालांकि कीड़ों का प्रभाव ज्यादा होगा. इस बार जनता अपने बहुत से जनप्रतिनिधियों को खारिज करेंगी. कुल मिलाकर यह वर्ष उन्नति लेकर आ रहा है.
दक्षिण भारत के कई राज्यों में उथल-पुथल
वर्ष के उत्तरार्ध में अगस्त के बाद चीजें बहुत बेहतर हो जाएंगी. सबसे बड़ी बात यह है कि महामारी का प्रकोप घटेगा, लेकिन सरकारी तंत्र में तनातनी की स्थिति रहेगी. आस-पड़ोस के देशों से भारत के रिश्ते बेहद खराब होंगे. दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में स्थितियां खराब हो सकती है. समुद्री इलाकों में काफी उथल-पुथल की स्थिति होगी. लोगों की धार्मिक आस्था बढ़ेंगी.
अलग-अलग राशियों के लिए कैसा होगा हिन्दू नववर्ष