वाराणसीः गंगा की अविरलता-निर्मलता और घाट किनारे स्वच्छता के संकल्प को साकार करने के लिए नमामि गंगे की टीम ने विश्व योग दिवस पर दशाश्वमेध घाट के सामने जलयोग किया. गंगा में जलयोग के दौरान पद्मासन, अनुलोम-विलोम, सूर्य नमस्कार जैसे जल में किए जाने वाले तमाम योग क्रियाओं का प्रदर्शन कर सदस्यों ने जल संरक्षण एवं विश्वकल्याण की कामना की.
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि जल के लिए जनाधार का उपयोग करके जलयोग करने की जरूरत है. जल योग सबसे बड़ा योग होने वाला है. यदि जल नहीं होगा तो न योग होगा, न ध्यान होगा और न ही कोई क्रिया होगी.
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