वाराणसी: प्रकृति की आराधना और उसे सहेजने के लोकपर्व डाला छठ पर नमामि गंगे ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. वहीं नमामि गंगे के सदस्यों ने जनमानस में प्रतिदिन नई ऊर्जा का संचार करने वाले भगवान सूर्यनारायण की पहली किरण को अर्घ्य देकर आरती उतारी. उगते सूरज को जल देने के लिए उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को लाउडस्पीकर से सूर्य और जल की महत्ता बताई. मनुष्य और प्रकृति को एकाकार करने वाले छठ महापर्व पर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दोहराया गया.
वहीं नमामि गंगे के सदस्यों ने नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने की प्रेरणा से छठ पर्व पर प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण की अपील की. वहीं सूर्य वंदना या छठ-पूजा को पर्यावरण संरक्षण, रोग निवारण व अनुशासन का पर्व बताते हुए संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि छठ-पूजा का अनुपम-पर्व प्रकृति से और प्रकृति की उपासना से पूरी तरह जुड़ा हुआ है.
उन्होंने कहा कि आज जब पूरा विश्व बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से जूझ रहा है. इससे मुक्ति के लिए पर्यावरण संरक्षण आवश्यक है. छठ पर्व मनुष्य को प्रकृति से जोड़ने का त्योहार है.वहीं उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें सामाजिक समरसता का भी पाठ पढ़ाता है.